रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2174 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में राज्य सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए आबकारी विभाग के 22 अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। वाणिज्यिक कर (आबकारी) विभाग द्वारा सोमवार को यह आदेश जारी किया गया। इससे पहले 7 जुलाई को EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) ने इस मामले में 29 अधिकारियों के खिलाफ 2300 पन्नों का पूरक चालान विशेष न्यायालय में पेश किया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया।
नोटिस के बाद भी कोर्ट में पेश नहीं हुए आरोपी
EOW द्वारा जारी समन के बावजूद आरोपी गिरफ्तारी के डर से कोर्ट में हाजिर नहीं हुए, जिसके चलते कोर्ट ने सभी 29 आरोपियों को 20 अगस्त तक पेश होने का अंतिम नोटिस जारी कर दिया है।
निलंबित किए गए 22 अधिकारी
इन 22 अधिकारियों पर निलंबन की गाज गिरी है:
- जनार्दन कौरव
- अनिमेष नेताम
- विजय सेन शर्मा
- अरविंद कुमार पाटले
- प्रमोद कुमार नेताम
- रामकृष्ण मिश्रा
- विकास गोस्वामी
- इकबाल खान
- नितिन खंडुजा
- नवीन प्रताप सिंह तोमर
- मंजुश्री कसेर
- सौरभ बख्शी
- दिनकर वासनिक
- मोहित जायसवाल
- नीतू नोतानी
- गरीबपाल सिंह दर्दी
- नोहर सिंह ठाकुर
- सोनल नेताम
- प्रकाश पाल
- आलेख राम सिदार
- आशीष कोसम
- राजेश जायसवाल
घोटाले में 7 रिटायर्ड अधिकारी भी नामजद
इनसेवानिवृत्त अधिकारियों को भी आरोपी बनाया गया है:
- ए.के. सिंह
- जे.आर. मंडावी
- जी.एस. नुरूटी
- देवलाल वैष
- ए.के. अनंत
- वेदराम लहरे
- एल.एल. ध्रुव
क्या है बी-पार्ट शराब घोटाला?
2019 से 2023 के बीच राज्य के 15 बड़े जिलों में तैनात आबकारी अधिकारियों द्वारा सरकारी शराब दुकानों के माध्यम से बिना ड्यूटी चुकाई गई अवैध देसी शराब (B-Part) बेची गई। इस शराब को डिस्टलरी से सीधे दुकानों में पहुंचाया जाता था और वैध शराब के साथ समानांतर रूप से बेचा जाता था।
इस नेटवर्क में डिस्टलरी, ट्रांसपोर्टर, सुपरवाइजर, सेल्समैन, आबकारी अधिकारी, मैनपावर एजेंसी आदि शामिल थे। इस घोटाले से होने वाली आमदनी सीधे एक सिंडीकेट को भेजी जाती थी, जिससे करोड़ों की अवैध कमाई हुई।
घोटाले की रकम अब 3200 करोड़ के पार
पहले इस घोटाले की राशि 2174 करोड़ रुपये आंकी गई थी, लेकिन EOW की ताजा जांच और 60 लाख से ज्यादा शराब पेटियों की अवैध बिक्री की पुष्टि के बाद इसकी कुल अनुमानित राशि 3200 करोड़ रुपये मानी जा रही है।
अब तक 13 गिरफ्तारियां
इस केस में अब तक अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी, विजय भाटिया, कवासी लखमा सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। FIR में कुल 70 लोगों को नामजद किया गया है।
पूर्व मंत्री पर भी गंभीर आरोप
जांच में सामने आया है कि यह पूरा घोटाला पूर्व मंत्री कवासी लखमा के संरक्षण में हुआ। उनके माध्यम से विभागीय अधिकारियों, ठेकेदारों और अन्य लोगों ने यह घोटाला अंजाम दिया। लखमा को घोटाले से 64 करोड़ रुपये का लाभ हुआ, जिसे निजी और पारिवारिक हितों में खर्च किया गया।
जांच अभी जारी
EOW और ACB की टीमें अब भी घोटाले में शामिल अन्य व्यक्तियों, मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क और विदेशी शराब में सिंडीकेट कमीशन की परतें खंगाल रही हैं। अदालत में अब तक चार अभियोग पत्र दाखिल किए जा चुके हैं।



