Mahasamund : महासमुंद जिले के शासकीय प्रीमियम विदेशी मदिरा दुकान में 36,90,790 रुपये के शराब गबन का मामला सामने आया है। जांच में यह खुलासा हुआ कि ईगल हण्टर सोल्यूशन लिमिटेड के चार कर्मचारियों ने शराब बिक्री के पैसे का गबन किया।
कैसे हुआ गबन का खुलासा?
सहायक आबकारी अधिकारी दीपक ठाकुर ने 17 दिसंबर 2024 को दुकान की जांच की। स्टॉक पंजी के अनुसार शराब की 373 बोतलें होनी चाहिए थीं, लेकिन मौके पर केवल 136 बोतलें मिलीं। जांच में पाया गया कि 1 अप्रैल 2024 से 19 दिसंबर 2024 तक शराब बिक्री का कोई रिकॉर्ड नहीं था, और न ही पैसा बैंक में जमा किया गया।
गबन की योजना
कर्मचारी प्रतिदिन 1.25 से 1.50 लाख रुपये की बिक्री करते थे, लेकिन सेल की रकम को आपस में बांट लेते थे। शराब की पेटियों में बोतलों की संख्या में भी गड़बड़ी की गई थी। ब्रांडेड शराब की ऊपर की पेटियों में पूरी बोतलें थीं, जबकि नीचे की पेटियों में केवल 3-4 बोतलें ही रखी गईं।
ऑडिटर की भूमिका पर भी सवाल
ऑडिटर शराब की बोतलों का भौतिक सत्यापन नहीं करता था। कर्मचारी बोतलों की तस्वीरें खींचकर उसे दिखाते थे, जिससे ऑडिटर गड़बड़ी को पकड़ नहीं सका।
कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई
जांच के बाद ईगल हण्टर सोल्यूशन लिमिटेड के मुख्य विक्रेता अमित राय, गौरीशंकर सेन, तुकेश दीवान और मल्टीपर्पज वर्कर लक्ष्मी नारायण साहू के खिलाफ छत्तीसगढ़ आबकारी अधिनियम 1915 की धारा 39(ग) के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने इनमें से तीन को हिरासत में लिया है, जबकि एक कर्मचारी फरार है।