रायपुर। छत्तीसगढ़ में राशन कार्डों में बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा सामने आया है। वन नेशन वन राशन कार्ड योजना के तहत तैयार आंकड़ों की जांच में पता चला कि राज्य में 46 लाख से अधिक सदस्य संदिग्ध हैं। इनमें कई परिवारों ने डुप्लीकेट आधार कार्ड, मृत व्यक्तियों के नाम और फर्जी दस्तावेजों का उपयोग कर राशन कार्ड में सदस्य जोड़ रखे थे।
जिलेवार आंकड़े
रायपुर में सबसे ज्यादा 19,574 फर्जी सदस्य पाए गए। इसके बाद दुर्ग में 18,112, जांजगीर-चांपा में 17,529, राजनांदगांव में 17,327 और कोरबा में 16,064 सदस्य संदिग्ध पाए गए। सरगुजा में 15,626, बलौदाबाजार में 13,833, महासमुंद में 13,308, धमतरी में 10,937 और कवर्धा में 9,987 नाम हटाए गए।
अन्य जिलों में गरियाबंद में 7,027, कांकेर में 7,669, जशपुर में 9,727, बालोद में 8,925 और बेमेतरा में 8,641 फर्जी सदस्य पाए गए।
जांच और सत्यापन
खाद्य विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिए हैं कि जिन परिवारों का ई-केवाईसी पूरा नहीं हुआ है, उनका घर-घर भौतिक सत्यापन कराया जाए। इसके लिए पटवारी, पंचायत सचिव, ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी और आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। यदि कोई सदस्य गलत या अपात्र पाया जाता है तो उसका नाम तत्काल हटाया जा रहा है।
जांच टीम के अनुसार अभी करीब 53 हजार संदिग्ध सदस्यों की जांच बाकी है, जिनमें मृतक, पलायन कर चुके लोग और फर्जी दस्तावेजों से जुड़े सदस्य शामिल हैं। उनके सत्यापन के बाद नाम निरस्त कर दिए जाएंगे।
विभाग की योजना
खाद्य विभाग का लक्ष्य है कि 31 अक्टूबर तक सभी जिलों का सत्यापन पूरा किया जाए। रायपुर में अब तक 19 हजार से ज्यादा सदस्य के नाम हटाए जा चुके हैं और अभियान को गंभीरता से चलाया जा रहा है।
“हमारा लक्ष्य है कि 31 अक्टूबर तक सत्यापन पूरा करना है।”
— भूपेंद्र मिश्रा, नियंत्रक, रायपुर