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रायपुर: स्वास्थ्य विभाग के खरीद घोटाले में एफआईआर, ईओडब्ल्यू ने मोक्षित कॉरपोरेशन पर छापेमारी की

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रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार को अरबों रुपये की चपत लगाने के मामले में राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) ने एफआईआर दर्ज की है। यह मामला स्वास्थ्य विभाग के तहत रिएजेंट और मेडिकल उपकरणों की खरीद से जुड़ा है, जिसमें भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप लगाए गए हैं। एफआईआर के बाद ईओडब्ल्यू ने मोक्षित कॉरपोरेशन के कई ठिकानों पर छापेमारी की और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए हैं।

ईओडब्ल्यू ने एफआईआर में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों, खासकर स्वास्थ्य संचालक और छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉरपोरेशन (सीजीएमएससी) के प्रबंध निदेशक के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। माना जा रहा है कि इस घोटाले में शामिल कई अफसरों की गिरफ्तारी जल्द हो सकती है।

जांच में सामने आया कि 2021 में जिलों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के लिए जरूरी उपकरणों और मशीनों की खरीद की गई थी, लेकिन बिना उचित आकलन के रिएजेंट की अत्यधिक मात्रा में खरीदारी की गई। इन रिएजेंटों के लिए कोई उचित भंडारण और रख-रखाव की व्यवस्था भी नहीं की गई थी, जिससे राज्य को अरबों का नुकसान हुआ।

सिर्फ यही नहीं, जांच में यह भी खुलासा हुआ कि रिएजेंट की खरीद का आदेश बिना बजट अनुमोदन और प्रशासनिक स्वीकृति के जारी किया गया, जिसके चलते लगभग 411 करोड़ रुपये का खर्च राज्य पर लाद दिया गया।

अधिकारियों ने मोक्षित कॉरपोरेशन से अत्यधिक कीमतों पर उपकरण और रिएजेंट खरीदे, जबकि अन्य कंपनियों ने इन्हें बहुत कम कीमत पर उपलब्ध कराया था। इसके अलावा, रिएजेंट को समय से पहले खरीदने के लिए 300 करोड़ रुपये के रिएजेंट सीजीएमएससी ने बिना किसी मांग के 200 से अधिक स्वास्थ्य केंद्रों में भेज दिए, जहां इनका उपयोग संभव नहीं था।

ईओडब्ल्यू की जांच में यह भी पता चला कि मोक्षित कॉरपोरेशन और अन्य फर्मों के बीच सांठगांठ कर विभिन्न निविदा प्रक्रियाओं में घोटाला किया गया था, जिससे राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ।

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