खैरागढ़ में प्रवासी पक्षियों की हुई वापसी, वेटलैण्ड हुआ रंग-बिरंगा

Khairagarh : हर साल सर्दियों में, खैरागढ़ के वेटलैंड्स अद्भुत प्रवासी पक्षियों की मेजबानी कर एक जादुई दुनिया का रूप ले लेते हैं। हजारों किलोमीटर की यात्रा तय कर यहां पहुंचने वाले ये पक्षी न केवल इस इलाके की खूबसूरती बढ़ाते हैं, बल्कि प्रकृति प्रेमियों और पर्यटकों के लिए भी स्वर्ग जैसा अनुभव लेकर आते हैं।

सुदूर देशों से ठंड के मौसम में यहां आने वाले पक्षियों में ग्रे हेरॉन, पिंटेल, कॉमन टील, स्पॉट-बिल्ड डक और बार-हेडेड गूज प्रमुख हैं। ये पक्षी खैरागढ़ की आर्द्रभूमि और हरे-भरे जंगलों को अपना अस्थायी घर बनाते हैं। इनके आगमन से आसमान और वेटलैंड्स का हर कोना जीवंत हो उठता है, मानो ये पक्षी पर्यावरण को सजाने आए हों।

स्थानीय लोग, पर्यटक और शोधकर्ता इन पक्षियों की हर गतिविधि को ध्यान से देखते हैं। पक्षियों का यह प्रवास न केवल खैरागढ़ के पर्यावरणीय महत्व को बढ़ाता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी संजीवनी देता है।

संरक्षण की चुनौती
हालांकि, इन खूबसूरत पक्षियों की मौजूदगी खतरे में है। बढ़ते प्रदूषण, शहरीकरण और वेटलैंड्स पर मानवीय हस्तक्षेप ने इनके लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। खैरागढ़ के डीएफओ आलोक कुमार तिवारी ने वेटलैंड्स के संरक्षण की जरूरत पर जोर देते हुए कहा, “अगर इनकी देखभाल नहीं की गई, तो शायद ये प्रवासी मेहमान हमें अलविदा कह दें।”

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