गरियाबंद। जिले के सुरसाबांधा गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां इलाज के नाम पर एक नाबालिग को कथित रूप से धर्मांतरण के लिए मजबूर किया गया और तीन महीने तक बंधक बनाकर रखा गया। हालत बिगड़ने के बाद नाबालिग की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस घटना से गांव में आक्रोश फैल गया है।
परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप
राजिम थाना क्षेत्र के इस मामले में मृत नाबालिग के परिजनों ने महिला ईश्वरी साहू पर आरोप लगाया है कि उसने बच्ची को शैतान के डर का हवाला देकर उसके साथ मानसिक प्रताड़ना की। इलाज के नाम पर केवल आयुर्वेदिक दवाएं और धार्मिक प्रार्थनाएं की गईं, लेकिन किसी डॉक्टर से इलाज नहीं कराया गया।
बंधक बनाकर धर्मांतरण की कोशिश
परिजनों का दावा है कि यह सब धर्मांतरण की साजिश का हिस्सा था। जब बच्ची की हालत लगातार बिगड़ती रही, तब भी उसे अस्पताल नहीं ले जाया गया, जिसके चलते उसकी मौत हो गई।
पुलिस ने दर्ज किया मामला
घटना की सूचना मिलने पर परिजन राजिम थाना पहुंचे और रात करीब 1 बजे पुलिस ने धर्मांतरण और बंधक बनाकर रखने का मामला दर्ज किया। आरोपी ईश्वरी साहू को हिरासत में ले लिया गया है।