रायपुर। भारतमाला परियोजना से जुड़े 48 करोड़ रुपये के मुआवजा घोटाले में फंसे जमीन दलाल हरमीत सिंह खनूजा को 14 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने पूछताछ पूरी होने के बाद शुक्रवार को विशेष न्यायालय में पेश किया, जहां कोर्ट ने उसे जेल भेजने की मंजूरी दे दी।
ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई
इस मामले में 25 अप्रैल को ईओडब्ल्यू ने राज्यभर के 20 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इसके अगले दिन 26 अप्रैल को हरमीत सिंह खनूजा, केदार तिवारी, उसकी पत्नी उमा तिवारी और विजय जैन को गिरफ्तार कर 1 मई तक रिमांड पर लिया गया था। अन्य तीन आरोपी पहले से ही जेल में हैं और अब हरमीत सिंह को भी न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
जांच जारी, और नाम आ सकते हैं सामने
ईओडब्ल्यू की जांच अब भी जारी है और सूत्रों के अनुसार इस घोटाले में और बड़े नाम सामने आ सकते हैं। मामले से जुड़े नए खुलासों की भी संभावना जताई जा रही है।
क्या है भारतमाला परियोजना का मुआवजा घोटाला?
भारत सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखपट्टनम तक करीब 950 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें रायपुर से विशाखापटनम तक फोरलेन और दुर्ग से आरंग तक सिक्स लेन सड़क प्रस्तावित है। इसके लिए किसानों की जमीन अधिग्रहित की गई, लेकिन मुआवजा वितरण में भारी अनियमितताएं सामने आईं। इस मुद्दे को विधानसभा बजट सत्र 2025 के दौरान नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने उठाया, जिसके बाद इस मामले की जांच शुरू की गई।