मोवा ओवरब्रिज घोटाला हाल ही में सुर्खियों में आया, जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि अधिकारियों ने सड़क की थिकनेस की जांच किए बिना ही यातायात को चालू करवा दिया। इस घोटाले में अधिकारियों की लापरवाही और सुरक्षा की अनदेखी ने एक गंभीर सवाल खड़ा किया है। बिना परीक्षण के सड़क पर यातायात शुरू करने से न केवल दुर्घटनाओं का खतरा था, बल्कि यह सार्वजनिक सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी की भी कमी को दर्शाता है।
विशेषज्ञों के अनुसार, सड़क की थिकनेस की सही जांच और परीक्षण होना आवश्यक था, ताकि ओवरब्रिज की मजबूती और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित की जा सके। इस घोटाले में प्रशासनिक लापरवाही और अव्यवस्थित निर्माण प्रक्रिया की पोल खुल गई है, जिससे यह संदेश जाता है कि अधिकारियों को भविष्य में ऐसी अनदेखी से बचने के लिए और सख्त कदम उठाने होंगे।