MP Patwari : मध्य प्रदेश में पटवारी भर्ती परीक्षा को रद्द करने की मांग बुधवार को तेज हो गई, जब भोपाल में नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के बैनर तले अभ्यर्थी एकजुट हुए। एमपी नगर चौराहे से वल्लभ भवन की तरफ बढ़ते हुए प्रदर्शनकारियों को व्यापम चौराहे पर पुलिस ने बैरिकेटिंग लगाकर रोक दिया। आगे बढ़ने की कोशिश करने वाले कुछ अभ्यर्थियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
इन सवालों के जवाब पूछ रहे अभ्यार्थी :
- जांच समिति ने परीक्षा में टॉपर अभ्यर्थी के बयान लिए?
- क्या टॉपर के आपसी संबंधी और कनेक्शन की जांच की?
- ग्वालियर के एक सेंटर से 10 में से सात और प्रदेश के केवल तीन केंद्रों से 50 में से 34 टॉपर कैसे आ गए?
- क्या टॉपर की 10वीं और 12वीं की मार्कशीट की जांच की गई? क्या टॉपर में बोर्ड परीक्षा 35 प्रतिशत अंक से पास करने वाले भी है?
- पटवारी भर्ती परीक्षा में पास कुछ अभ्यर्थी दिव्यांग यानी उनके कानों से सुनाई नहीं देता? जबकि वह वनरक्षक की भर्ती में फिट थे? यह कैसे संभव है?
- क्या टॉपर का लॉग इन टाइम चेक किया गया? उसने कितने बजे सिस्टम में लॉगिन किया? कितने घंटे में पेपर को हल किया।
- मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड यानी ईएसबी के सर्वर की जांच की गई?
बता दें कि पटवारी भर्ती परीक्षा 15 जनवरी 2024 को आयोजित की गई थी। परीक्षा के बाद गड़बड़ी के आरोपों को लेकर उम्मीदवारों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया था। सरकार ने आरोपों की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया था। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में परीक्षा में कोई गड़बड़ी नहीं पाए जाने का दावा किया था।
पटवारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों को लेकर राजनीतिक दलों ने भी सरकार पर हमला बोला है। कांग्रेस ने आयोग की रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए कहा है कि सरकार भर्ती परीक्षा में हुए फर्जीवाड़े को छिपाने की कोशिश कर रही है। सरकार पर भ्रष्टाचार और युवाओं के साथ अन्याय करने का आरोप लगाया जा रहा है। उम्मीदवारों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे।