मुंगेली: कबूतर की घटना पर सफाई, पूरा वीडियो देखिए और जानिए सच

मुंगेली : मुंगेली जिले में 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के दौरान हुई एक घटना ने सोशल मीडिया पर तहलका मचा दिया था। ध्वजारोहण समारोह में शांति का प्रतीक कबूतर छोड़ने के दौरान हुई एक घटना का वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था, जिसमें दावा किया गया था कि कबूतर मर गया था।

क्या था वायरल वीडियो में?

वायरल वीडियो में केवल 9 सेकंड का एक हिस्सा दिखाया गया था, जिसमें एसएसपी गिरिजाशंकर जायसवाल द्वारा छोड़ा गया कबूतर नीचे गिरता हुआ दिख रहा था। इस वीडियो को सोशल मीडिया पर पंचायत सीजन 3 के एक दृश्य से जोड़कर प्रसारित किया गया और इसे राष्ट्रीय पर्व का मजाक बनाने की कोशिश के रूप में देखा गया।

वायरल हो रहा अधुरा वीडियो:


देखिए पूरा वीडियो :

सच्चाई क्या है?

हालांकि, जब पूरे वीडियो को देखा गया तो पता चला कि वास्तविकता कुछ और ही थी। पूरा वीडियो लगभग 1 मिनट का है जिसमें दिखाया गया है कि सबसे पहले मुख्य अतिथि विधायक पुन्नूलाल मोहले और फिर कलेक्टर राहुल देव ने कबूतर छोड़े जो आसमान में उड़ गए। लेकिन जब एसएसपी की बारी आई तो उन्होंने छोड़ा गया कबूतर नीचे गिर गया। हालांकि, तुरंत ही एक और कबूतर छोड़ा गया जो आसमान में उड़ गया और पहले वाले कबूतर को पिंजरे में रखकर पशु चिकित्सालय ले जाया गया। पशु चिकित्सकों ने बताया कि कबूतर के पंख में फंसने के कारण वह उड़ नहीं पाया था और वह पूरी तरह से स्वस्थ था।

पशु चिकित्सक का क्या कहना है?

मुंगेली के पशु चिकित्सा सेवा के उपसंचालक डॉ. आर एम त्रिपाठी ने बताया कि इस तरह की घटनाएं आम हैं। कभी-कभी पक्षी तनाव या अन्य कारणों से उड़ने में असमर्थ हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में कुल चार कबूतर लाए गए थे और एक को आपातकालीन के लिए रखा जाता है।

राष्ट्रीय पर्व का मजाक बनाना उचित नहीं:

सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर जो प्रतिक्रियाएं आईं, उनमें से अधिकांश ने इस घटना को राष्ट्रीय पर्व का मजाक बनाने की कोशिश के रूप में देखा। हालांकि, सच्चाई यह है कि यह एक दुर्घटना थी और इस तरह की घटनाएं किसी भी कार्यक्रम में हो सकती हैं। राष्ट्रीय पर्व को इस तरह से बदनाम करना उचित नहीं है।

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