जगदलपुर : नगरनार स्थित एनएमडीसी स्टील प्लांट में परिवहन को लेकर चल रहा विवाद लगातार गहराता जा रहा है। जय झाड़ेश्वर समिति और बस्तर परिवहन संघ ने अपनी मांगों को लेकर प्लांट का गेट बंद कर दिया है, जिससे पिछले तीन दिनों से एचआर क्वाइल का परिवहन पूरी तरह से ठप पड़ा हुआ है। इस आंदोलन के कारण एनएमडीसी को रोजाना करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है।
क्या है विवाद का कारण?
विवाद की जड़ परिवहन का काम किस दर पर किया जाए, इसको लेकर है। जय झाड़ेश्वर समिति और बस्तर परिवहन संघ अपनी मनमानी दर पर ही परिवहन का काम करने की मांग कर रहे हैं। दूसरी ओर, एनएमडीसी प्रबंधन का कहना है कि समिति के पास एचआर क्वाइल के परिवहन के लिए पर्याप्त ट्रेलर नहीं हैं। वहीं, बस्तर परिवहन संघ के अध्यक्ष अमर सिंह का दावा है कि उनके पास 250-300 ट्रेलर हैं और वे इस काम को कुशलता से कर सकते हैं।
एनएमडीसी को हो रहा भारी नुकसान:
परिवहन संघ के दावों के बावजूद, एनएमडीसी प्रबंधन को रोजाना करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रबंधन की सबसे बड़ी चिंता यह है कि अगर यह आंदोलन लंबे समय तक चला तो प्लांट के ग्राहक अन्य प्लांट की ओर रुख कर सकते हैं। इसके अलावा, इस विवाद से बस्तर क्षेत्र की छवि भी खराब हो रही है। एनएमडीसी के संचार प्रमुख रफीक अहमद ने बताया कि इस मामले को लेकर दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारियों और बस्तर प्रशासन के साथ चर्चा की जा रही है।
दोनों पक्षों के दावे:
जय झाड़ेश्वर समिति और बस्तर परिवहन संघ: ये संगठन अपनी मनमानी दर पर परिवहन का काम करने की मांग कर रहे हैं। उनका दावा है कि उनके पास पर्याप्त संसाधन हैं और वे इस काम को कुशलता से कर सकते हैं।
एनएमडीसी प्रबंधन: एनएमडीसी प्रबंधन का कहना है कि समिति के पास पर्याप्त ट्रेलर नहीं हैं और वे गुणवत्तापूर्ण परिवहन सेवा प्रदान नहीं कर सकते हैं। प्रबंधन का मानना है कि इस विवाद से प्लांट को भारी नुकसान हो रहा है और बस्तर क्षेत्र की छवि भी खराब हो रही है।