नैला दुर्गा पंडाल: थाईलैंड के अरुण देव मंदिर की झलक

जांजगीर-चाम्पा: प्रदेश में विगहनहर्ता दुर्गा माता के पंडालों के लिए विख्यात नैला की श्री श्री दुर्गा उत्सव सेवा समिति इस वर्ष कुछ बेहद खास करने जा रही है। इस बार, समिति थाईलैंड के प्रसिद्ध अरुण देव मंदिर की तर्ज पर एक भव्य पंडाल का निर्माण कर रही है। यह पंडाल न केवल अपनी वास्तुकला बल्कि आधुनिक प्रकाश व्यवस्था और ध्वनि प्रभावों के लिए भी जाना जाएगा।

सोने-चांदी से सजी 35 फीट ऊंची मूर्ति

पंडाल के अंदर, सोने, चांदी और हीरे-मोती से सजी माँ दुर्गा की 35 फीट ऊंची प्रतिमा स्थापित की जाएगी। यह प्रतिमा कोलकाता की मिट्टी से बनाई जा रही है और इसे भटगांव के कुशल कारीगरों द्वारा तैयार किया जा रहा है।

बुर्ज खलीफा जैसी रोशनी और ध्वनि प्रभाव

पंडाल को बुर्ज खलीफा की तरह रोशन किया जाएगा। कोलकाता के प्रसिद्ध लाइटिंग एक्सपर्ट इस भव्य प्रकाश व्यवस्था को तैयार कर रहे हैं। इसके अलावा, पंडाल में एक आधुनिक साउंड सिस्टम भी लगाया जाएगा, जो भक्तों को एक अद्भुत ध्वनि अनुभव प्रदान करेगा।

पांच शेरों वाला स्वर्ण रथ

माँ दुर्गा की प्रतिमा को पांच शेरों वाले एक स्वर्ण रथ पर स्थापित किया जाएगा। शेरों की प्रतिमाएँ भी काफी बड़ी और भव्य होंगी।

विशाल पंडाल

पंडाल का आकार 160 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा है। इसमें एक बार में 1500 से अधिक भक्त दर्शन कर सकते हैं। भक्तों की सुविधा के लिए पंडाल के बाहर मेडिकल टीम और सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।

लगभग 1 करोड़ रुपये का खर्च

इस भव्य पंडाल को बनाने में लगभग 1 करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है। यह पंडाल न केवल नैला बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।

नवरात्रि उत्सव

नवरात्रि का पर्व 3 अक्टूबर से शुरू हो रहा है, लेकिन नैला में माँ दुर्गा का दरबार 6 अक्टूबर से खुलेगा। दशहरा के दूसरे दिन विसर्जन किया जाएगा।

41 साल से चल रहा है उत्सव

श्री श्री दुर्गा उत्सव सेवा समिति पिछले 41 साल से माँ दुर्गा की प्रतिमा स्थापित करती आ रही है। हर साल लाखों की संख्या में लोग इस पंडाल को देखने आते हैं।

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