बिलासपुर हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत, नमाज विवाद में शामिल 7 प्रोफेसरों की याचिका खारिज

बिलासपुर। गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी के एनएसएस कैंप में नमाज पढ़ने के लिए छात्रों को मजबूर करने के मामले में आरोपी 7 प्रोफेसरों को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने एफआईआर रद्द करने की मांग को लेकर दाखिल दो याचिकाओं को खारिज कर दिया है।

मुख्य न्यायाधीश राकेश सिन्हा की अगुवाई में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि मामला बेहद गंभीर है और प्रथम दृष्टया पर्याप्त आधार हैं, जिससे याचिकाओं को स्वीकार नहीं किया जा सकता।

छात्रों की शिकायत पर कोटा थाने में प्रोफेसरों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 190, 196(1)(बी), 197(1)(बी), 197(1)(सी), 299, 302 सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है।

क्या है पूरा मामला?
एनएसएस की ओर से शिवतराई गांव में 26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक शिविर आयोजित किया गया था। आरोप है कि ईद के दिन यूनिवर्सिटी के समन्वयक दिलीप झा, मधुलिका सिंह, सूर्यभान सिंह, डॉ. ज्योति वर्मा, प्रशांत वैष्णव, बसंत कुमार और डॉ. नीरज कुमारी ने हिंदू छात्रों पर नमाज पढ़ने का दबाव बनाया। इसकी शिकायत छात्रों ने उच्च अधिकारियों और पुलिस से की थी।

कोर्ट की टिप्पणी:
हाई कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर में गंभीर आरोप हैं और उन्हें सीधे खारिज नहीं किया जा सकता। मामले की निष्पक्ष जांच आवश्यक है।

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