बिलासपुर। गुरु घासीदास सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एनएसएस शिविर में नमाज पढ़वाने के कथित आरोपों से उठे विवाद ने तूल पकड़ लिया है। अब इस मामले में गिरफ्तार किए गए प्रोफेसर दिलीप झा के समर्थन में छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है। एनएसएस के छात्र शुक्रवार को विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन के सामने प्रदर्शन करते नजर आए।
क्या है पूरा मामला?
कोटा थाना क्षेत्र के शिवतराई गांव में 26 मार्च से 1 अप्रैल 2025 तक एक एनएसएस शिविर आयोजित किया गया था, जिसमें कुल 159 छात्र-छात्राएं शामिल हुए थे, जिनमें चार मुस्लिम छात्र भी थे। 31 मार्च को शिविर के दौरान एक विशेष कार्यक्रम में सभी छात्रों से नमाज पढ़वाए जाने का आरोप है।
शिविर समाप्त होने के दो सप्ताह बाद कुछ छात्रों ने कोनी थाना क्षेत्र में शिकायत दर्ज कराई कि उन्हें नमाज पढ़ने के लिए मजबूर किया गया।
नामजद आरोपी और गिरफ्तारी
मामले में प्रोफेसर दिलीप झा, डॉ. मधुलिका सिंह, डॉ. ज्योति वर्मा, डॉ. नीरज कुमारी, डॉ. प्रशांत वैष्णव, डॉ. सूर्यभान सिंह, डॉ. बसंत कुमार और टीम कोर लीडर छात्र आयुष्मान चौधरी के खिलाफ धार्मिक भावनाएं आहत करने का मामला दर्ज किया गया है।
पुलिस ने गुरुवार को प्रो. झा को साक्ष्यों को प्रभावित करने और जांच में सहयोग न करने के आधार पर गिरफ्तार किया।
छात्रों का विरोध प्रदर्शन
प्रो. झा की गिरफ्तारी के बाद एनएसएस के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि सभी छात्रों ने स्वेच्छा से भाग लिया था, किसी पर दबाव नहीं बनाया गया। छात्रों ने प्रशासन से गिरफ्तारी को अन्यायपूर्ण बताते हुए फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है।
विश्वविद्यालय बना विरोध का केंद्र
घटना के बाद से विश्वविद्यालय परिसर में हिंदू संगठनों और एबीवीपी के प्रदर्शन पहले से चल रहे थे। अब छात्र भी दो गुटों में बंटते नजर आ रहे हैं – एक पक्ष गिरफ्तारी और कार्रवाई का समर्थन कर रहा है, तो दूसरा पक्ष शिक्षकों की निष्पक्षता और धार्मिक सहिष्णुता की बात कर रहा है।