दुर्ग: छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ चल रही कार्रवाई में एक नया मोड़ आया है। दुर्ग पुलिस ने महादेव सट्टा एप के संचालन में कथित रूप से शामिल दो पत्रकारों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन दोनों पत्रकारों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के नाम पर लोगों से बैंक खाते खुलवाए जाते थे और फिर इन खातों का इस्तेमाल सट्टेबाजी के लिए किया जाता था।
क्या है पूरा मामला?
इंदिरा नगर गदा चौक सुपेला भिलाई निवासी धीरज महतो ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। धीरज ने बताया कि वह श्रीशंकराचार्य अस्पताल जुनवानी भिलाई के बाहर चाय की दुकान चलाता है। उसकी मुलाकात खुद को पत्रकार बताने वाले गोविंदा चौहान और रविकांत मिश्रा से हुई थी। इन दोनों ने धीरज और उसके दोस्त मुकेश तांडी से कुछ डिटेल मांगी और कहा कि वे उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाएंगे। इसके लिए उन्होंने धीरज के नाम पर एक बैंक खाता खुलवाया।
धीरज के मुताबिक, इन दोनों ने उसके खाते में अपना मोबाइल नंबर डाल दिया और खुद ही उस खाते का संचालन करने लगे। जब धीरज ने इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि धीरज का मोबाइल नंबर सिस्टम में अपडेट नहीं हो रहा है, इसलिए उन्होंने अपना नंबर डाल दिया है। कुछ महीने बाद जब धीरज ने अपना खाता वापस मांगा तो इन लोगों ने टालमटोल करना शुरू कर दिया।
धीरज ने जब बैंक जाकर अपने खाते की जानकारी ली तो पता चला कि उसके खाते में बड़ी मात्रा में अवैध लेनदेन हुआ है और खाता मुंबई से होल्ड कर दिया गया है।
पुलिस ने की कार्रवाई
इस मामले में पुलिस ने धीरज महतो और उसके दोस्त मुकेश तांडी को गिरफ्तार किया। पूछताछ में इन दोनों ने बताया कि वे महादेव सट्टा एप के साथ जुड़े हुए थे और कथित पत्रकार गोविंदा चौहान और रविकांत मिश्रा भी इस काम में शामिल थे। इनके खातों से होने वाले लेनदेन में ये दोनों पत्रकार भी शामिल थे।
पुलिस ने गोविंदा चौहान और रविकांत मिश्रा के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया है। दोनों फिलहाल फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है।
महादेव सट्टा एप क्या है?
महादेव सट्टा एप एक ऑनलाइन सट्टेबाजी एप है। इस एप के माध्यम से लोग ऑनलाइन सट्टा लगा सकते थे। पुलिस का कहना है कि इस एप के जरिए बड़ी मात्रा में पैसा लगाया जाता था और इस पैसे का इस्तेमाल अवैध गतिविधियों में किया जाता था।