राष्ट्रीय सुरक्षा में पत्रकारिता की भूमिका पर मंथन — नारद जयंती पर हुआ सार्थक विमर्श

रायपुर। देवर्षि नारद केवल पौराणिक पात्र नहीं बल्कि संवाद, संतुलन और सूचना के प्रतीक हैं। उनकी संवाद क्षमता, निष्पक्षता और भरोसेमंद संवाद शैली आज के मीडिया के लिए प्रेरणास्त्रोत है। इसी विचार को केंद्र में रखते हुए छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित नवीन विश्राम गृह, सिविल लाइंस में “राष्ट्रीय सुरक्षा में पत्रकारिता की भूमिका” विषय पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया। यह आयोजन देवर्षि नारद जयंती आयोजन समिति, छत्तीसगढ़ प्रांत द्वारा संपन्न हुआ।

पत्रकारिता की विश्वसनीयता पर गहरा चिंतन

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पाञ्चजन्य के संपादक श्री हितेश शंकर (नई दिल्ली) रहे। उन्होंने कहा कि आज की पत्रकारिता स्पर्धा, टीआरपी और सनसनी के दबाव में अपनी मूल आत्मा से भटक गई है। संवाद और जिम्मेदारी की वह परंपरा, जिसकी मिसाल नारद जी थे, आज लुप्तप्राय सी होती जा रही है।

श्री शंकर ने कहा, “जब कहने को कुछ नहीं होता, तब भी कुछ दिखाने की आदत ने पत्रकारिता की गंभीरता को गहरा नुकसान पहुंचाया है। युवा वर्ग अब समाचारों से कट चुका है, और केवल नोटिफिकेशन तक सीमित रह गया है, जिससे सामाजिक विमर्श का स्तर भी गिरा है।”

उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में मीडिया की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में जो पत्रकारिता प्रेरणा का स्रोत थी, आज वह राजनीतिक और बाजारवादी दबावों के बीच अपनी दिशा खोती नजर आती है।

छत्तीसगढ़ के संदर्भ में राष्ट्रवादी पत्रकारिता की जरूरत

हितेश शंकर ने छत्तीसगढ़ में मीडिया की भूमिका पर भी विशेष रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद और धर्मांतरण जैसे संवेदनशील विषयों को अनेक वर्षों तक मीडिया ने उपेक्षित किया, या गलत परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि जब नक्सल हिंसा को मानवाधिकार आंदोलन के नाम पर दिखाया गया, तब पत्रकारिता के राष्ट्रहित से जुड़े दायित्वों की अनदेखी हुई।

उन्होंने आह्वान किया कि ऐसे समय में राष्ट्रवाद को आधार मानकर पत्रकारिता करने वाले माध्यमों की भूमिका अत्यंत आवश्यक हो जाती है।

समारोह में पत्रकारों का हुआ सम्मान

इस अवसर पर राजधानी के पत्रकारों को उनकी उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए सम्मानित किया गया।

  • वरिष्ठ पत्रकार सतीश सिंह ठाकुर (IBC) को देवर्षि नारद पत्रकार सम्मान
  • मधुमिता पाल (INH) को वरिष्ठ पत्रकार बबनप्रसाद मिश्र स्मृति सम्मान
  • दीपक पाण्डेय (दैनिक नवभारत) को वरिष्ठ पत्रकार रमेश नैयर स्मृति सम्मान प्रदान किया गया।

संचालन और आयोजन टीम

  • विषय प्रवेश एवं स्वागत: वरिष्ठ पत्रकार आर. कृष्णा दास
  • मंच संचालन: वरिष्ठ पत्रकार प्रियंका कौशल
  • सम्मानित पत्रकारों का परिचय: अटल मुरारी
  • आभार प्रदर्शन: प्रफुल्ल पारे

समापन विचार

इस सार्थक संगोष्ठी में शामिल प्रतिभागियों ने पत्रकारिता के सामाजिक दायित्व, राष्ट्रहित और भरोसे की परंपरा को फिर से सशक्त करने की आवश्यकता पर बल दिया। नारद जयंती जैसे आयोजनों के माध्यम से संवाद की भारतीय परंपरा और पत्रकारिता के मूल मूल्यों को पुनर्स्थापित करने की दिशा में एक ठोस कदम बढ़ाया गया।

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