Site icon India & World Today | Latest | Breaking News –

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा: शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन

maa brahmacharini

maa brahmacharini

Maa Brahmacharini : शारदीय नवरात्रि का पर्व मां दुर्गा की आराधना के लिए सबसे शुभ माना जाता है, जिसमें नौ दिनों तक देवी के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के दूसरे दिन को मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के लिए समर्पित किया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां ब्रह्मचारिणी की उपासना करने से वैराग्य, संयम, तप, और सदाचार की वृद्धि होती है। जो भक्त मां की पूजा करते हैं, उनका मन कठिन परिस्थितियों में भी स्थिर बना रहता है। मां ब्रह्मचारिणी भक्तों के दोष, दुर्गुणों और मलिनता को दूर करती हैं और शुद्धि प्रदान करती हैं।

पूजा का शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार, द्वितीया तिथि की शुरुआत 4 अक्टूबर 2024 को सुबह 02:58 बजे से हो जाएगी, और इसका समापन 5 अक्टूबर को सुबह 05:30 बजे होगा। इस दौरान मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का विशेष महत्व है।

मां ब्रह्मचारिणी को भोग

भक्तों द्वारा मां ब्रह्मचारिणी को चीनी या गुड़ का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। यह माना जाता है कि इससे व्यक्ति को लंबी आयु का वरदान मिलता है। आप चीनी या गुड़ से बनी मिठाई भी मां को अर्पित कर सकते हैं।

ब्रह्मचारिणी नाम की कथा

धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, मां दुर्गा का जन्म पर्वतराज हिमालय के घर पार्वती के रूप में हुआ था। भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त करने के लिए माता पार्वती ने देवर्षि नारद के कहने पर कठोर तपस्या की। कई वर्षों की कठिन तपस्या के कारण ही उन्हें “ब्रह्मचारिणी” कहा गया। माता ने अत्यन्त कठोर तप करके भगवान शिव को प्रसन्न किया और उन्हें पति रूप में प्राप्त किया।

मां ब्रह्मचारिणी के मंत्र

मां ब्रह्मचारिणी की पूजा के दौरान निम्न मंत्र का जाप विशेष फलदायी होता है:

या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।

दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू। देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।

इस मंत्र का जाप करने से मां ब्रह्मचारिणी की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

Exit mobile version