रायपुर/चाईबासा। देश को नक्सलमुक्त बनाने के अभियान के तहत सुरक्षा बलों को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी है। रविवार सुबह झारखंड-छत्तीसगढ़ सीमा से लगे पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में नक्सली संगठन का कुख्यात जोनल कमांडर अमित हांसदा मारा गया। उस पर 10 लाख रुपये का इनाम घोषित था।
कैसे हुआ एनकाउंटर?
पुलिस को खुफिया जानकारी मिली थी कि गोइलकेरा थाना क्षेत्र के रेलापराल गांव के पास नक्सली बड़ी वारदात की योजना बना रहे हैं। सूचना के आधार पर CRPF की कोबरा बटालियन, झारखंड पुलिस, झारखंड जगुआर और अन्य सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ने रविवार सुबह करीब 6:30 बजे सर्च ऑपरेशन शुरू किया।
जंगल में प्रवेश करते ही नक्सलियों ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवानों ने भी जवाबी फायरिंग की। दोनों ओर से घंटों चली मुठभेड़ में दबाव बढ़ने पर नक्सली भागने लगे। इस दौरान जोनल कमांडर अमित हांसदा ढेर हो गया।
क्या-क्या बरामद हुआ?
सर्च ऑपरेशन के बाद सुरक्षाबलों को अमित हांसदा का शव मिला। उसके पास से एक सेल्फ-लोडिंग राइफल, कारतूस, माओवादी पर्चे और अन्य सामग्री बरामद की गई।
कौन था अमित हांसदा?
- अमित हांसदा उर्फ अपटन, भाकपा (माओवादी) का प्रमुख जोनल कमांडर था।
- वह पिछले 10 साल से अधिक समय से पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और खूंटी जिलों में सक्रिय था।
- हांसदा पर सुरक्षा बलों पर हमले, सरकारी परियोजनाओं में बाधा, सड़क निर्माण रोकने और लेवी वसूली जैसे कई गंभीर आरोप थे।
- झारखंड सरकार ने उसकी गिरफ्तारी या जानकारी देने पर 10 लाख रुपये इनाम घोषित किया था।
- पुलिस अधिकारियों का मानना है कि उसकी मौत से माओवादी संगठन को बड़ा झटका लगा है और इलाके में नक्सल गतिविधियों पर रोक लगेगी।
हालिया एनकाउंटर की कड़ी
यह सफलता हाल के दिनों में नक्सल विरोधी अभियानों की दूसरी बड़ी उपलब्धि है। इससे पहले 6 अगस्त को गुमला जिले के कामडारा थाना क्षेत्र स्थित पारही जंगल में मुठभेड़ में पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (PLFI) का सुप्रीमो और 15 लाख का इनामी नक्सली मार्टिन केरकेट्टा मारा गया था।