जगदलपुर। बस्तर में नक्सलवाद खत्म होने की कगार पर है, लेकिन नक्सली अपनी ताकत बनाए रखने के लिए नई रणनीति अपना रहे हैं। जानकारी के मुताबिक, बस्तर में अब सिर्फ 400 नक्सल कैडर बचे हैं। नक्सलियों का TCOC (टैक्टिकल काउंटर ऑफेंसिव कैंपेन) माह चल रहा है, जिसके दौरान वे अपने संगठन का विस्तार करने और सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते हैं। अब नक्सली बच्चों को भर्ती कर उन्हें हथियार और गुरिल्ला युद्ध की ट्रेनिंग देने लगे हैं।
9 साल के बच्चों को बना रहे आतंक का हथियार
मंगलवार को दंतेवाड़ा और बिजापुर के सीमाई क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में मारे गए इनामी नक्सली सुधाकर के पास से मिले पत्र में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पत्र के मुताबिक, नक्सली 9 साल के बच्चों को हथियार चलाने, बम बनाने और जंगल में लड़ने की ट्रेनिंग दे रहे हैं।
संगठन में 130 नई भर्तियां, बच्चों को भी शामिल किया गया
सुधाकर के पत्र से पता चला है कि नक्सली संगठन में हाल ही में 130 नए लोगों की भर्ती हुई है, जिनमें—
- 40 बच्चे (9-11 साल के)
- 40 किशोर (14-17 साल के)
- 50 युवा (18-22 साल के) शामिल हैं।
इन सभी को हथियार चलाने और नक्सल संगठन की विचारधारा सिखाई जा रही है। हालांकि, नक्सली लीडर मानते हैं कि नए सदस्यों को अभी और ट्रेनिंग की जरूरत है।
2025 में अब तक 100 नक्सली मारे गए
सरकार ने 31 मार्च 2026 तक बस्तर से नक्सलवाद खत्म करने का लक्ष्य रखा है, जिसके तहत सुरक्षा बल लगातार कार्रवाई कर रहे हैं। 2025 में अब तक 100 नक्सली मारे जा चुके हैं, जिनमें कई बड़े लीडर भी शामिल हैं।