बिलासपुर: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने नया रायपुर के 500 एकड़ जमीन अधिग्रहण मामले में किसानों के पक्ष में एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। इस फैसले से न केवल नया रायपुर विकास प्राधिकरण (एनआरडीए) की महत्वाकांक्षी योजना पर ग्रहण लग गया है, बल्कि पूरे राज्य के किसानों के लिए यह एक बड़ी जीत है।
क्या है मामला?
नया रायपुर, छत्तीसगढ़ की नई राजधानी रायपुर के पास एक नियोजित शहर है। इसके विकास के लिए बड़ी मात्रा में कृषि भूमि का अधिग्रहण किया गया था। किसानों का आरोप था कि जमीन का अधिग्रहण बिना उनकी सहमति के और उचित मुआवजे के किया गया है। उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
हाईकोर्ट का फैसला
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि एनआरडीए को किसानों से फिर से समझौता करना होगा, क्योंकि नए भू-अर्जन कानून के तहत 75% किसानों की सहमति जरूरी है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पुराने भू-अर्जन अधिनियम के तहत शुरू की गई प्रक्रियाओं पर भी नए कानून का प्रभाव पड़ेगा। कोर्ट ने समय सीमा के बाद किए गए भू-अर्जन अवार्ड को शून्य घोषित कर दिया।
फैसले का असर
हाईकोर्ट के इस फैसले से नया रायपुर की विकास योजना पर ब्रेक लग सकता है। जमीन अधिग्रहण में देरी होने से योजना की लागत बढ़ सकती है और इसे पूरा होने में अधिक समय लग सकता है। किसानों की सहमति के बिना योजना आगे नहीं बढ़ सकती।
किसानों की प्रतिक्रिया
नवा रायपुर किसान संघर्ष समिति ने इस फैसले का स्वागत किया है। समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर ने कहा कि यह फैसला किसानों के अधिकारों की रक्षा करता है और उन्हें न्याय दिलाता है। उन्होंने कहा कि नया रायपुर के हजारों एकड़ जमीन अधिग्रहण से संबंधित कई याचिकाएं अभी भी कोर्ट में लंबित हैं।