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छत्तीसगढ़ कांग्रेस में असंतोष की लहर: नीरज शर्मा ने दिया इस्तीफा, राजनीति में हलचल

Neeraj Sharma

रायगढ़: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में असंतोष की लहर एक बार फिर गहराती जा रही है। पार्टी को बड़ा झटका तब लगा जब घरघोड़ा नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 10 के पार्षद और ब्लॉक कांग्रेस के महामंत्री नीरज शर्मा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता सहित सभी दायित्वों से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को भेजे अपने इस्तीफे में पार्टी संगठन पर गंभीर आरोप लगाए और कहा कि अब पार्टी में उनके अनुभव और निष्ठा का सम्मान नहीं किया जा रहा है।

तीन पीढ़ियों से कांग्रेस सेवा करने वाले नीरज शर्मा का आक्षेप

नीरज शर्मा के परिवार का कांग्रेस से गहरा नाता रहा है। उनके दादा स्व. हरिराम शर्मा घरघोड़ा नगर पंचायत के पहले मनोनीत अध्यक्ष थे, वहीं उनके पिता स्व. सुरेंद्र शर्मा भी पार्टी के विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके थे। नीरज शर्मा खुद 2003 से पार्षद पद पर कार्यरत हैं, लेकिन हाल के घटनाक्रमों ने उन्हें गहरा आघात पहुँचाया। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा, “मेरे अनुभव की अनदेखी की गई और मुझे टिकट नहीं दिया गया, जो कि मेरे लिए एक बड़ा धक्का था। कांग्रेस में वंशवाद, आंतरिक गुटबाजी और अहंकार हावी हो चुका है, जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट रहा है।”

निर्दलीय चुनाव में उतरने का फैसला

नीरज शर्मा ने कहा कि उनका यह निर्णय व्यक्तिगत असंतोष का परिणाम नहीं है, बल्कि उन्होंने जनता की भावनाओं और आत्मसम्मान को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया। उनके इस्तीफे के बाद घरघोड़ा नगर पंचायत के वार्ड क्रमांक 10 में राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल गए हैं। नीरज शर्मा की सुलभता, सक्रियता और विकास कार्यों को देखते हुए स्थानीय नागरिकों का बड़ा समर्थन उन्हें मिल रहा है। जनता की मांग को ध्यान में रखते हुए, नीरज शर्मा निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव में उतरने का फैसला किया है। इससे दोनों प्रमुख पार्टी प्रत्याशियों को मुश्किलें आ सकती हैं।

राजनीतिक हलचल तेज

नीरज शर्मा का इस्तीफा घरघोड़ा की राजनीति में एक बड़ी हलचल का कारण बना है। कांग्रेस से एक सशक्त नेता का पार्टी छोड़ना संगठन के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शर्मा का अगला कदम क्या होगा। क्या वे किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल होंगे, या फिर स्वतंत्र रूप से जनता की सेवा करेंगे? कांग्रेस नेतृत्व इस नुकसान की भरपाई कैसे करेगा, यह भी एक महत्वपूर्ण सवाल है।

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