अब दुकानों-ऑफिसों को लेना होगा LIN, जानिए नए एक्ट के फायदे और नियम

रायपुर। छत्तीसगढ़ में शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2017 लागू हो गया है, जिसके साथ ही शॉप एंड एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 1958 को समाप्त कर दिया गया है। नए नियमों के तहत, जिन संस्थानों में 10 या उससे अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, उन्हें अब लेबर आइडेंटिफिकेशन नंबर (LIN) लेना अनिवार्य होगा। पहले यह गुमास्ता लाइसेंस नगर निगम से जारी होता था, लेकिन अब LIN श्रम विभाग से ऑनलाइन जारी किया जाएगा। वहीं, 10 से कम कर्मचारी वाले संस्थानों को LIN या गुमास्ता लेने की आवश्यकता नहीं होगी।

कर्मचारियों के हित में बदलाव
नए अधिनियम में कर्मचारियों के अधिकारों पर विशेष ध्यान दिया गया है। अब नियोक्ता अपने कर्मचारियों से अधिकतम 9 घंटे ही काम करवा सकेंगे, जिसमें एक घंटे का लंच ब्रेक अनिवार्य है और सप्ताह में एक दिन अवकाश देना होगा।

  • ओवरटाइम के लिए नियोक्ता को दोगुना भुगतान करना होगा।
  • सप्ताह में अधिकतम 12 घंटे और 3 महीने में अधिकतम 125 घंटे का ही ओवरटाइम संभव होगा।
  • छुट्टी के दिन काम कराने पर अगले 30 दिनों के भीतर अवकाश देना और डबल रेट से भुगतान करना अनिवार्य होगा।

पंजीकरण के फायदे और शर्तें
पंजीकरण कराने पर संस्थान को LIN अलॉट किया जाएगा, जिसे जीएसटी नंबर की तरह साइनबोर्ड पर प्रदर्शित करना होगा। अब दुकानों को हफ्ते के 7 दिन और 24 घंटे खोलने की अनुमति होगी, लेकिन किसी भी कर्मचारी से निर्धारित समय से अधिक कार्य नहीं कराया जा सकेगा।

कहां लागू होगा नया एक्ट
यह नियम अधिकांश कॉर्पोरेट संस्थानों, होटल-रेस्तरां, गोदाम और ऐसे सभी कार्यालयों में लागू होगा जहां 10 या अधिक कर्मचारी हों। हालांकि, वृद्धाश्रम, अनाथाश्रम, नशामुक्ति केंद्र, अस्पताल और क्लीनिक जैसे एनजीओ/संस्थानों के लिए यह अनिवार्य नहीं है। जिन कार्यालयों में 8 कर्मचारी, एक सुपरवाइजर और एक मैनेजर हैं, वहां भी LIN की आवश्यकता नहीं होगी।

लेट फीस का प्रावधान
यह अधिनियम फरवरी 2025 से प्रभावी है। 13 अगस्त 2025 के बाद पंजीकरण कराने पर निर्धारित शुल्क के साथ 25% लेट फीस भी देनी होगी। शुल्क कर्मचारियों की संख्या के आधार पर तय होगा—

  • 10 से 50 कर्मचारी – ₹1,000
  • 51 से 100 कर्मचारी – ₹3,000
  • 101 से 200 कर्मचारी – ₹5,000
  • 201 से 500 कर्मचारी – ₹7,000
  • 500 से अधिक कर्मचारी – ₹10,000

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