एक शिक्षिका का जूनून, स्मार्ट बने सब स्कूल। शिक्षा में तकनीकी प्रयोग का नया युग

एक शिक्षिका ने समाज के सामने ऐसा उदाहरण पेश किया, जिसकी सभी प्रशंसा कर रहे हैं छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले की एक छोटे से गांव लगे मगरलोड की शिक्षिका रंजीता-तुमनचंद साहू के प्रयासों से जिले में अब तक 111 स्कूलों में स्मार्ट टीवी लगा कर स्मार्ट क्लास की शुभारंभ की जा चुकी है।

उन्होंने बताया कि “मैं और मेरे पति ने एक साल पहले स्मार्ट टीवी लगाकर बच्चों को गूगल यूट्यूब एवं इंटरनेट के माध्यम से पढ़ाई के लिए प्रयास किया। इससे बच्चों में बहुत ही उत्सुकता दिखी और बच्चे सभी चीजों को लाइव देख सके चित्र और चलचित्र के माध्यम से बच्चों को कॉन्सेप्ट समझने में बहुत आसानी हुई। इस तरह रिजल्ट बहुत ही अच्छा रहा इसलिए हम लोगों ने सोचा कि यह बहुत ही अच्छी पहल है और यह जिले के विभिन्न स्कूलों में भी होनी चाहिए। फिर संकुल स्तर में स्मार्ट क्लास योजना शिक्षकों एवं पालकों की सहयोग से की गई। हमने प्लान बनाया की हर महीने एक स्कूल को स्मार्ट टीवी भेंट कर स्मार्ट कक्षा की शुरुआत एवं प्रोत्साहित करेंगे। इस तरह से यह मुहिम को 10 साल लग जाते तो हम लोगों ने लोन का सहारा लिया ताकि हम 100 से ज्यादा स्कूलों को स्मार्ट क्लास दे सकें। मैंने फिर बैंक से 11 लाख लोन लिया फिर बारी बारी से स्कूलों में स्मार्ट टीवी के लिए शिक्षकों एवं पालकों को समझाना शुरू किया वे भी इस मुहीम में सक्रिय सहभगिता निभाई। मेरे द्वारा किये गए छोटे से प्रयास एवं प्रेरणात्मक कार्य से अब तक 111 स्कूलों में स्मार्ट टीवी के माध्यम से स्मार्ट कक्षा की शुरुआत की गई है जिसमें अधिकांश स्कूल आदिवासी अंचल के हैं। इस अच्छी पहल की प्रेरणा से आस पास के अन्य स्कूलों में भी शिक्षकों एवं पालकों द्वारा भी सामुदायिक सहभागिता से स्मार्ट क्लास बनाया जा रहा है।

उनका मानना है कि हमारा पूरा जीवन ईश्वर, प्रकृति समाज के लिए कर्जदार हैं। प्रकृति में निहित जल थल धरती आकाश अग्नि के हम सब कर्जदार हैं। इस लिए हमारा प्रयास प्रकृति को जितना हो सके संरक्षण करने का है इसी उद्देश्य से हम लोगों ने एक छोटे से तालाब का निर्माण कराया जिससे हम अपने जीवन में जितना जल इस्तेमाल करते हैं उतने जल का संरक्षण तालाब के माध्यम से हो जाता है। जल संरक्षण करके हम ना केवल इस पृथ्वी पर रहने वाले जीवों की रक्षा कर सकते हैं बल्कि अपनी आगे आने वाली पीढ़ी का भी संरक्षण कर सकते हैं I साहू दम्पति द्वारा 1000 बागवानी वृक्ष अपने खेतों में लगाए हैं जिससे प्रकृति धरती आकाश एवं वायु का संरक्षण हो पाएगा। गायों की सेवा से जैविक खेती एवं धरती मां का संरक्षण है। पर्यावरण एवं शिक्षा हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं अगर हमारे पास शिक्षा है और पर्यावरण का संरक्षण ना कर सके तो हमारा जीवन संकट में हो जाएगा इसलिए शिक्षा एवं पर्यावरण दोनों ही बहुत ही जरूरी है। पर्यावरण एवं शिक्षा हमारे आर्थिक समृद्धि के परिचायक है । उन्होंने चन्दन के बहुमूल्य पौधे आर्थिक एवं पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से स्वयं के खर्चे पर 3000 चन्दन के पौधे निशुल्कः वितरण विद्यार्थियों को घरों एवं बाड़ी में लगाने के लिए दिए। कोरोना काल में पनीर बनाकर कोरोना वीरों नर्स, सफाई कर्मी, पुलिस कर्मियों लगभग 50 किलो स्वयं पनीर बनाकर निशुल्क वितरण किया उनका धन्यवाद प्रेषित किया। खेतों से उगाए गए अमरूद व पपीता कों अपने गायों कों खिलाती है । आस पास के स्कूलों के बच्चों कों अब तक 5000 किलो अमरूद निशुल्क बाँट चुकी है। गायों की सेवा, गोबर से केचुआ खाद बनाकर जैविक खेती कर स्वस्थ जीवन एवं भरपूर स्वाद के लिए बागवानी के तहत मीठे फल, फुल व सब्जियों का स्वयं के द्वारा पर उत्पादन किया जाता है। जो बच्चे आर्थिक रूप से पिछड़े रहते है उनकी मदद करना हमेशा से प्राथमिकता रहती है I कॉपी, किताब, पेन , ड्राइंग सामान, प्रोजेक्ट सामग्री में  सहयोग किया जाता है I शासकीय सेवा में कार्यरत उनके पति तुमनचंद साहू उनके कार्यों में प्रोत्साहन एवं सहयोग देते है ।

गणित विषय को सरलता से समझाने तथा अधिक रोचक बनाने के लिए पति के साथ मिल कर बहुत ही आकर्षक गणित वर्णमाला टीचिंग लर्निंग मटेरियल की रचना किया जिससे विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढेगा, गणितीय ज्ञान और प्रक्रियाओं को याद करने में आसान सिद्ध होगा यह नवाचारी प्रयोग। गणित के प्रति निराशावादी सोच को हटाकर एक आशावादी विचारधारा लाने में तथा जीवन प्रबंधन में यह वर्णमाला मदद करेगी। उन्होंने स्वयं के खर्चे पर अब तक 125 स्कूलों में टीचिंग लर्निंग मटेरियल गणित वर्णमाला चार्ट के फ्लेक्स एवं कलर प्रिंट 11000 विद्यार्थियों को दिया जा चुका है।उनका लक्ष्य एक लाख बच्चों तक चार्ट पहुँचाने का है जिसे लोगो के सहयोग से पूरा किया जा सकता है ।

“एससीइआरटी के सहायक प्रोफेसर प्रसिद्ध गणितज्ञ श्री पी आर साहू ने गणित वर्णमाला की बहुत तारीफ करते हुए कहा की यह बहुत ही अच्छा नवाचारी आईडिया है, यह गणित सीखने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगी”।

“जिला शिक्षा अधिकारी श्री बृजेश बाजपेई ने कहा कि शिक्षिका रंजीता साहू का प्रयास बहुत ही सराहनीय है । यह कार्य सभी के लिए मार्गदर्शन का कार्य करेगा । शिक्षा के प्रति इस तरह के समर्पित शिक्षकों के कारण ही आज शिक्षा का स्तर बहुत तेजी के साथ ऊँचा होता जा रहा है ।सभी कों इस तरह का सकारात्मक प्रयास अवश्य करना चाहिए”।

शिक्षा के प्रति समर्पण हमारा समाज के उत्थान के लिए हमारा एक छोटा सा प्रयास है।

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