छत्तीसगढ़ राज्य के रजत जयंती वर्ष (25वें वर्ष) में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में औद्योगिक विकास को नई दिशा देने का बड़ा संकल्प लिया है। ‘बस्तर इन्वेस्टर कनेक्ट’ जैसे कार्यक्रमों के माध्यम से बस्तर अब केवल नक्सलवाद या खनिज संपदा के लिए नहीं, बल्कि निवेश और रोजगार के नए केंद्र के रूप में उभर रहा है।
बस्तर में निवेश का संकल्प
मुख्यमंत्री साय ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार बस्तर को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा कि बस्तर की समृद्धि ही पूरे प्रदेश के उज्जवल भविष्य की गाथा लिखेगी।
• भारी निवेश: बस्तर में आयोजित इन्वेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में ₹52,000 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट और एमओयू (समझौता ज्ञापन) साइन किए गए हैं।
• नई औद्योगिक नीति: प्रदेश की नई औद्योगिक नीति (2024-30) में बस्तर क्षेत्र के लिए विशेष प्रोत्साहन दिए गए हैं, जिसमें आयरन ओर और कोयले पर रॉयल्टी में छूट जैसे प्रावधान शामिल हैं।
• रोजगार के अवसर: सीएम साय ने कहा कि उद्योगों के विस्तार से बस्तर के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा, जिससे नक्सलवाद की विचारधारा कमजोर होगी और सामाजिक बदलाव आएगा।
• विकास का सीधा लाभ: इस पहल का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि विकास का लाभ सीधे स्थानीय समुदायों और युवाओं तक पहुँचे, जिससे वे प्रगति की यात्रा में सक्रिय भागीदार बन सकें।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि बस्तर ने निवेश के लिए ‘रेड कारपेट’ बिछा दिया है, और यह क्षेत्र अब विकास के लिए उड़ान भरने को तैयार है। उन्होंने निवेशकों से बस्तर की सफलता की इस उड़ान में शामिल होने का आह्वान किया।
यह पहल छत्तीसगढ़ के रजत जयंती महोत्सव के तहत अगले 25 वर्षों में ‘समृद्ध और स्वर्ण’ छत्तीसगढ़ बनाने के दृढ़ संकल्प का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।