Raipur : छत्तीसगढ़ सरकार के प्रॉपर्टी रजिस्ट्री पर लागू नए नियमों ने जमीन के कारोबारियों और भू-माफियाओं को मुश्किल में डाल दिया है। अब एक तहसील क्षेत्र की प्रॉपर्टी को दूसरे तहसील या ब्लॉक क्षेत्र के पंजीयन कार्यालय में रजिस्ट्री कराने पर 23,900 रुपये का अतिरिक्त शुल्क देना होगा, जो पहले केवल 1,100 रुपये था।
नए नियम क्यों हुए लागू?
पहले यह सुविधा केवल शारीरिक रूप से अक्षम या दूरदराज से आने वाले लोगों के लिए बनाई गई थी, ताकि उन्हें किसी भी पंजीयन कार्यालय में केवल 1,100 रुपये देकर रजिस्ट्री कराने की सहूलियत मिल सके। लेकिन भू-माफियाओं और रसूखदार लोगों ने इसका दुरुपयोग कर शासन को राजस्व का नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया।
नई अधिसूचना का प्रभाव
राज्य शासन की नई अधिसूचना 10 दिसंबर 2024 से लागू हो चुकी है। अधिसूचना के अनुच्छेद सात के तहत, दूसरे तहसील क्षेत्र में प्रॉपर्टी रजिस्ट्री पर अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है। अब रजिस्ट्री के लिए 25,000 रुपये की शुल्क संरचना तय की गई है, जो पहले मात्र 1,100 रुपये थी।
भू-माफियाओं का खेल
भू-माफिया अब तक मुख्य सड़क से लगी जमीन को टुकड़ों में बांटकर रजिस्ट्री कराते थे। सड़क से जुड़े छोटे हिस्से पर ज्यादा स्टांप शुल्क भरते थे, जबकि अंदर के बड़े भू-भाग पर कम स्टांप शुल्क अदा करते थे। इससे सरकार के राजस्व में सेंध लगाई जाती थी।
शासन को होगा लाभ
नए नियम के लागू होने से जमीन रजिस्ट्री में पारदर्शिता बढ़ेगी और राजस्व का नुकसान रुकेगा। अब रजिस्ट्री चाहे किसी भी तहसील कार्यालय में कराई जाए, सरकार निर्धारित शुल्क के माध्यम से अपने हिस्से की राशि वसूल लेगी।
गड़बड़ी पर लगेगी लगाम
पंजीयन कार्यालयों में अधिकारियों ने इस नई अधिसूचना को लेकर पुष्टि की है कि इससे भू-माफियाओं की धोखाधड़ी पर रोक लगेगी। अतिरिक्त शुल्क लागू होने के बाद जमीन की रजिस्ट्री में गड़बड़ियां कम होंगी और सरकार के खजाने को नुकसान नहीं होगा।