रायपुर। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के 16 हजार से अधिक कर्मचारी सोमवार, 18 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने वाले हैं। शनिवार को कर्मचारी संगठन ने इस संबंध में चेतावनी जारी कर दी और कलेक्टर, सीएमएचओ तथा बीएमओ को हड़ताल की औपचारिक सूचना भी सौंप दी है।
10 सूत्रीय मांगों पर सरकार को दिया था अल्टीमेटम
एनएचएम कर्मचारियों ने अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्य सरकार को 15 अगस्त तक का अल्टीमेटम दिया था। कर्मचारियों का कहना है कि समय सीमा बीतने के बावजूद उनकी मांगों पर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया। यही वजह है कि अब उन्होंने अनिश्चितकालीन हड़ताल का रास्ता चुना है।
आपातकालीन सेवाएं भी रहेंगी बंद
कर्मचारी संघ ने साफ किया है कि इस बार सिर्फ सामान्य सेवाएं ही नहीं बल्कि आपातकालीन सेवाएं भी पूरी तरह बंद रहेंगी। विशेष रूप से एसएनसीयू (विशेष नवजात शिशु देखभाल इकाई) जैसी अहम सेवाओं को भी बंद करने का फैसला लिया गया है। कर्मचारी नेताओं डॉ. अमित कुमार मिरी (प्रदेशाध्यक्ष), महासचिव कौशलेश तिवारी, डॉ. रविशंकर दीक्षित, पूरन दास और हेमंत सिन्हा ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल अब टलने वाली नहीं है।
ये हैं प्रमुख मांगें
एनएचएम कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में सेवा संविलियन/स्थायीकरण, पब्लिक हेल्थ कैडर की स्थापना, ग्रेड पे निर्धारण, कार्य मूल्यांकन व्यवस्था में पारदर्शिता, लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि, नियमित भर्ती में एनएचएम कर्मचारियों के लिए आरक्षण, अनुकम्पा नियुक्ति, मेडिकल एवं अन्य अवकाश सुविधा, स्थानांतरण नीति और न्यूनतम 10 लाख रुपये का कैशलेस चिकित्सा बीमा शामिल हैं।
स्वास्थ्य व्यवस्था पर संकट
एनएचएम कर्मचारियों की हड़ताल से प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गहरा असर पड़ने की आशंका है। अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में सेवाएं ठप हो सकती हैं, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। स्वास्थ्य विभाग अब इस हड़ताल को लेकर सक्रिय हो गया है, लेकिन कर्मचारियों ने साफ संकेत दिए हैं कि जब तक उनकी मांगों पर सकारात्मक निर्णय नहीं होगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।