बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में मानव तस्करी और धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार ननों के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। बिलासपुर स्थित एनआईए कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई के बाद फैसले को सुरक्षित रखा था और आज पीड़ितों की जमानत अर्जी को मंजूरी दे दी।
क्या है पूरा मामला?
25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन पर बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने दो ननों और एक युवक को पकड़ा था। उन पर आरोप लगाया गया कि वे नारायणपुर जिले की तीन नाबालिग लड़कियों को बहला-फुसलाकर आगरा ले जा रहे थे। स्टेशन पर जमकर नारेबाजी के बाद तीनों को जीआरपी थाना भिलाई-3 के अंतर्गत दुर्ग जीआरपी चौकी को सौंप दिया गया। जांच के बाद उन पर धर्मांतरण अधिनियम की धारा 4 के तहत मामला दर्ज किया गया और न्यायिक रिमांड पर जेल भेजा गया था।
राजनीतिक हलचल और विरोध प्रदर्शन
यह मामला राजनीतिक रूप से भी गरमा गया। केरल के सांसदों का प्रतिनिधिमंडल दो बार छत्तीसगढ़ पहुंचा। 29 जुलाई को INDI गठबंधन और भाजपा के नेताओं ने रायपुर का दौरा कर ननों से मुलाकात की। UDF सांसद एंटो एंटनी और हिबी ईडन समेत चार सांसद शुक्रवार को फिर रायपुर पहुंचे। उन्होंने दुर्ग जेल में ननों से मुलाकात की और राजधानी रायपुर में पुतला फूंककर विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर कांग्रेस सह-प्रभारी जरीता लैतफलांग और बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी शामिल हुए।