रायपुर। छत्तीसगढ़ पुलिस ने एक बार फिर “ऑपरेशन मुस्कान” अभियान के तहत उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। 1 से 31 जुलाई 2025 तक चले इस विशेष अभियान में प्रदेश भर से 113 बालक और 701 बालिकाएं, कुल 814 गुमशुदा बच्चों को खोज निकाला गया।
यह अभियान पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम के निर्देशन और पुलिस महानिरीक्षक अजय कुमार यादव के मार्गदर्शन में चलाया गया था।
दूसरे राज्यों से भी बच्चों की बरामदगी
सघन अभियान के तहत बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, धार्मिक स्थल और अन्य संभावित ठिकानों पर पुलिस की विशेष टीमों ने व्यापक तलाशी ली।
इस दौरान 122 बच्चे दूसरे राज्यों से भी बरामद किए गए, जिनमें प्रमुख रूप से –
- महाराष्ट्र (31)
- मध्यप्रदेश (24)
- तेलंगाना (12)
- उत्तरप्रदेश (9)
- ओडिशा (8)
- बिहार (6)
- दिल्ली (3)
- आंध्रप्रदेश (4) शामिल रहे।
किन जिलों में सबसे ज्यादा सफलता?
बरामदगी के आंकड़ों में दुर्ग जिला (181) सबसे आगे रहा, इसके बाद बिलासपुर (151) और जांजगीर-चांपा (60) ने भी सराहनीय कार्य किया।
सभी बच्चों को विधिवत कानूनी प्रक्रिया के तहत उनके परिजनों को सौंपा गया, जिससे कई परिवारों की वर्षों पुरानी पीड़ा समाप्त हुई।
भावुक कर देने वाले पल
- 7 साल बाद लौटी बेटी:
2018 में दुर्ग के सुपेला थाना क्षेत्र से लापता एक बालिका को पुलिस ने बिहार के छपरा से ढूंढ निकाला और उसके परिजनों से मिलाया। - 6 साल बाद मिली भांजी:
2019 में बिलासपुर के सीपत थाना क्षेत्र से लापता हुई नाबालिग को 6 वर्षों बाद बरामद कर परिवार से मिलवाया गया।
पुलिस का संदेश
छत्तीसगढ़ पुलिस ने कहा कि,
“ऑपरेशन मुस्कान का उद्देश्य केवल गुमशुदा बच्चों की खोज नहीं, बल्कि उनके टूटे परिवारों को फिर से जोड़ना और जीवन में मुस्कान वापस लाना है।”