छत्तीसगढ़ में बढ़ रहा धान उत्पादन, सब्जियों की कीमतों में उछाल

रायपुर: छत्तीसगढ़ में इस समय सब्जियों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे उपभोक्ताओं के साथ-साथ किसानों के लिए भी नई समस्याएँ खड़ी हो रही हैं। राज्य में टमाटर, आलू, और प्याज जैसे प्रमुख सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं।

दरअसल, छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार की ओर से धान की कीमत 3,100 रुपये प्रति क्विंटल तय की गई है, जिससे इस बार किसानों ने धान की खेती में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया है। 21 क्विंटल धान की खरीदी के साथ, राज्य में धान बोने का रकबा पिछले साल की तुलना में बढ़कर 39 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है, जो पिछले साल 38 लाख हेक्टेयर था। इससे प्रदेश में धान का उत्पादन भी रिकॉर्ड स्तर पर होने का अनुमान है, जिससे किसानों की आमदनी में इजाफा होने की उम्मीद है।

धान की खेती में बढ़ोतरी, सब्जियों की खेती में गिरावट

धान की खेती के बढ़ते रुझान के कारण, प्रदेश में दलहन और तिलहन की फसल का रकबा घट रहा है। इसके अलावा, सब्जियों की खेती में भी कमी आई है। प्रदेश के किसानों की अधिकतर संख्या अब धान की खेती की ओर आकर्षित हो रही है, जिससे सब्जियों की आपूर्ति में कमी आई है। खासकर टमाटर की कीमतों में भारी उछाल देखने को मिल रहा है।

टमाटर की कीमत में बढ़ोतरी

रायपुर समेत अन्य शहरों में टमाटर की कीमतों में इस बार काफी बढ़ोतरी हुई है। आमतौर पर, जब लोकल टमाटर की फसल आती है, तो उसकी कीमत 5 से 10 रुपये किलो तक गिर जाती है, लेकिन इस बार टमाटर की कीमत 40 से 50 रुपये किलो तक बनी हुई है। किसानों के लिए टमाटर की फसल का उत्पादन अब घाटे का सौदा बन चुका है, क्योंकि तुड़ाई के दौरान ही उन्हें प्रति किलो डेढ़ रुपये का खर्च आ जाता है। कई बार किसानों को फसल का कोई उचित मूल्य नहीं मिलता और वे इसे फेंकने पर मजबूर होते हैं।

धान के कारण सब्जी उत्पादन में गिरावट

धान की बढ़ती कीमतों और अधिक लाभ की संभावना को देखते हुए, अब सब्जी उगाने वाले किसानों ने भी धान की ओर रुख किया है। इस कारण सब्जी उत्पादन में कमी आई है और साथ ही सब्जियों की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। खासकर, टमाटर और अन्य सब्जियों के थोक उत्पादक किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

धान उत्पादन का अनुमान

इस साल छत्तीसगढ़ में लगभग 180 लाख टन धान का उत्पादन होने का अनुमान है। धान के उत्पादन में बढ़ोतरी के कारण राज्य के किसानों के पास लगभग 50,000 करोड़ रुपये की राशि जाएगी, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार की उम्मीद है।

नए कृषि रुझान

ध्यान देने वाली बात यह है कि अब सब्जियों के लिए ड्रिप इरिगेशन का काम भी कम हो गया है। किसानों का झुकाव अब धान की खेती की ओर बढ़ा है, जिससे सब्जियों का उत्पादन और इसकी सप्लाई प्रभावित हो रही है।

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