महासमुंद : महासमुंद जिले में वन विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पैंगोलिन की तस्करी कर रहे चार अंतरराज्यीय तस्करों को गिरफ्तार किया है। इन तस्करों के पास से एक जीवित पैंगोलिन बरामद किया गया है।
कैसे हुआ गिरफ्तार?
वन विभाग को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ लोग पैंगोलिन की तस्करी कर रहे हैं। इस सूचना के आधार पर वन विभाग की टीम ने उड़ीसा बॉर्डर पर घेराबंदी की और चारों तस्करों को रंगे हाथों पकड़ लिया। तस्करों के पास से एक जूट का थैला बरामद किया गया, जिसमें एक जीवित पैंगोलिन था।
पैंगोलिन क्यों है खास?
पैंगोलिन एक दुर्लभ और संरक्षित वन्य प्राणी है। इसकी तस्करी और व्यापार कानूनन अपराध है। पैंगोलिन का शिकार मुख्य रूप से इसके मांस और शल्कों के लिए किया जाता है। पैंगोलिन के शल्कों का उपयोग पारंपरिक चिकित्सा में और सजावटी सामान बनाने में किया जाता है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में पैंगोलिन की कीमत काफी अधिक होती है, जिसके कारण इसकी तस्करी होती है।
क्यों होती है पैंगोलिन की तस्करी?
पैंगोलिन की तस्करी के कई कारण हैं:
- उच्च मांग: पैंगोलिन के मांस और शल्कों की एशियाई देशों में बहुत अधिक मांग है।
- उच्च कीमत: पैंगोलिन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत काफी अधिक होती है।
- कानून का कम डर: पैंगोलिन की तस्करी करने वालों को पकड़ने के लिए कानून बहुत सख्त नहीं हैं।