रायपुर। महिला एवं बाल विकास विभाग, रायपुर में एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है, जहां सेवा समाप्ति के बावजूद 8 संविदा कर्मियों और एक सेवा प्रदाता को लाखों रुपये का वेतन भुगतान कर दिया गया। यह वेतन भुगतान जिला कार्यक्रम अधिकारी श्रीमती निशा मिश्रा द्वारा सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना किया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, वर्ष 2022-23 के गोपनीय प्रतिवेदन के आधार पर जिला बाल संरक्षण इकाई, रायपुर और अन्य संस्थाओं में कार्यरत 9 कर्मचारियों की सेवाएं 19 अक्टूबर 2022 को समाप्त कर दी गई थीं। इसके बावजूद इन कर्मचारियों को वेतन दिया गया।
बाद में, सेवा समाप्त किए गए इन कर्मचारियों ने पुनः सेवा में लिए जाने हेतु उच्च न्यायालय, बिलासपुर में याचिका दायर की थी। न्यायालय ने 14 फरवरी 2024 को अपने आदेश में सेवा समाप्ति आदेश को निरस्त करते हुए गोपनीय प्रतिवेदन पर पुनः विचार करने और सक्षम प्राधिकारी द्वारा निर्णय लिए जाने का निर्देश दिया।
न्यायालय आदेश के बावजूद नियमों की अनदेखी
उक्त आदेश के बाद संबंधित प्रकरण को सक्षम प्राधिकारी के समक्ष प्रस्तुत कर निर्णय लिया जाना था, लेकिन जिला कार्यक्रम अधिकारी निशा मिश्रा ने आदेश की अवहेलना करते हुए बिना किसी अधिकृत स्वीकृति के सीधे वेतन भुगतान कर दिया। इससे विभागीय प्रक्रियाओं और नियमों की अनदेखी का गंभीर मामला उजागर हुआ है।
अब इस पूरे मामले में वित्तीय अनियमितता और प्रशासनिक लापरवाही की जांच की मांग उठ रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार, इस मुद्दे को लेकर उच्चस्तरीय जांच की संभावना बन रही है।
देखें दस्तावेज







