पीसीसी चीफ दीपक बैज ने लगाया जासूसी का आरोप, पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सरकार को घेरा

रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) के अध्यक्ष दीपक बैज ने अपने निवास की जासूसी कराने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि बीते दो रातों से दंतेवाड़ा पुलिस की एक गाड़ी (CG 17) उनके रायपुर स्थित सरकारी निवास की रेकी कर रही थी। बैज का कहना है कि उन्होंने खुद पैदल टहलते हुए संदिग्ध गतिविधियों को पकड़ा, लेकिन लोकल थाना प्रभारी (TI) को भी इसकी जानकारी नहीं थी। जब उन्होंने दंतेवाड़ा के एडिशनल एसपी से संपर्क किया तो कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

सरकार पर लगे गंभीर आरोप

दीपक बैज ने इस घटना को लेकर कहा, “पुलिस प्रशासन सरकार का एजेंट बनकर काम कर रहा है। सबूत हमारे पास हैं। सरकार चुनाव में धांधली कर रही है और मुझसे मिलने वालों पर नजर रखी जा रही है। अगर पीसीसी अध्यक्ष के साथ ऐसा हो रहा है, तो आम जनता के साथ क्या हो रहा होगा?” उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

ED और बीजेपी पर निशाना

बैज ने केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि ED पूरी तरह बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विधायकों के साथ चर्चा करेंगे और आज पीसीसी की बैठक में आगे की रणनीति तय करेंगे। साथ ही, विधानसभा में इस मामले को उठाने की भी बात कही।

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने बीजेपी सरकार को घेरा

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस घटना को लेकर बीजेपी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा,
“छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार को कौन सा डर सता रहा है कि विपक्षी नेताओं की जासूसी करवा रही है? रायपुर में पीसीसी चीफ दीपक बैज जी के घर की जासूसी करते हुए एक पुलिस अधिकारी पकड़ा गया। यह लोकतंत्र के प्रति भाजपा के अविश्वास का एक और उदाहरण है।”

डिप्टी सीएम अरुण साव ने किया आरोपों को खारिज

डिप्टी सीएम अरुण साव ने इन आरोपों को पूरी तरह बेबुनियाद बताया। उन्होंने कहा,
“कांग्रेस जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। भाजपा की सरकार में सुशासन है, और हाल ही में हुए पंचायत व नगरीय निकाय चुनावों में बीजेपी को भारी बहुमत मिला है। कांग्रेस अपनी हार को छिपाने के लिए इस तरह के बयान दे रही है।”

पीसीसी चीफ बैज ने किया पलटवार

डिप्टी सीएम अरुण साव के बयान पर दीपक बैज ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
“अगर सरकार को कुछ छिपाना नहीं है तो CG 17 की गाड़ी और TI रैंक का अधिकारी मेरे घर के सामने क्या कर रहा था? हमने खुद उन्हें पकड़ा है। अगर अरुण साव को सच जानना है तो हम उन्हें वीडियो फुटेज भेज सकते हैं। सरकार को बचाने के बजाय निष्पक्ष जांच करनी चाहिए।”

इस पूरे मामले ने छत्तीसगढ़ की राजनीति को गरमा दिया है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या रुख अपनाती है और क्या कोई जांच होती है या नहीं।

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