मीसा बंदियों की पेंशन फिर से शुरू, एरियर्स के साथ साढ़े 35 करोड़ जारी

Raipur: छत्तीसगढ़ सरकार ने मीसा बंदियों (आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम) के लिए पेंशन योजना को पुनर्जीवित कर दिया है। यह योजना 2018 में कांग्रेस सरकार द्वारा बंद कर दी गई थी, लेकिन अब भाजपा सरकार ने इसे फिर से शुरू कर दिया है।

विष्‍णुदेव सरकार ने कुछ महीने पहले ही पेंशन फिर से शुरू करने की घोषणा की थी। इस पर अमल करते हुए सरकार ने पेंशन की राशि जारी कर दी है। राज्‍य सरकार की तरफ से न केवल पेंशन जारी किया गया है बल्कि 5 साल का बकाया भुगतान भी किया जा रहा है। इसके लिए करीब साढ़े 35 करोड़ रुपये जिलों को जारी किए गए हैं।

बता दें कि पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह की सरकार में मीसा बंदियों को पेंशन दिया जाता था। 2018 में जैसे ही कांग्रेस सत्‍ता में आई मीसा बंदियों का पेंशन बंद कर दिया गया और 2020 में 2 अलग-अलग अधिसूचना जारी कर इस योजना को ही बंद कर दिया गया। बीजेपी की मौजूदा सरकार ने इस योजना को निरस्‍त करने वाली कांग्रेस सरकार की दोनों अधि‍सूचनाओं को निरस्‍त कर दिया है। प्रदेश में 2018 की स्थिति में 430 लोकतंत्र सेनानियों/आश्रितों को प्रतिवर्ष करीब 9 करोड़ रूपए की सम्मान राशि प्रदान की जाती थी। एक माह से कम अवधि के निरूद्ध व्यक्तियों को 8 हजार रूपए प्रतिमाह, एक से 5 माह तक के निरूद्ध व्यक्तियों को 15 हजार रूपए प्रतिमाह तथा पांच माह तथा अधिक निरूद्ध व्यक्तियों को 25 हजार रूपए प्रतिमाह दिया जाता था।

भारत में घोषित आपातकाल के दौरान छत्तीसगढ़ के राजनैतिक या सामाजिक कारणों से मीसा/डीआईआर के अधीन निरूद्ध व्यक्तियों को सम्मान राशि प्रदान करने के लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम-2008 बनाया गया था। जिसे सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 23 जनवरी 2020 तथा 29 जुलाई 2020 को अधिसूचना जारी कर निरस्त कर दिया गया था। मंत्रिपरिषद की बैठक में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 26 मई 2020 को पारित आदेश के परिपालन में उपरोक्त दोनों अधिसूचनाओं को निरस्त करते हुए लोकतंत्र सेनानियों (मीसाबंदियों) की सम्मान निधि को फिर से प्रारंभ करने और बकाया राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया। अर्थात पूर्व अनुसार प्रतिमाह सम्मान राशि पुनः प्रारंभ की जाती है एवं सम्मान राशि बंद होने से लेकर पुनः प्रारंभ होने तक की अवधि की एरियर्स राशि 01 नवम्बर 2024 को प्रदान करने का निर्णय लिया गया।

यह निर्णय मीसा बंदियों और उनके परिवारों के लिए बड़ी राहत है, जिन्हें पिछले 5 वर्षों से वित्तीय कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।

मीसा बंदी कौन होते हैं?

मीसा बंदी वे लोग हैं जिन्हें आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था अधिनियम (Maintenance of Internal Security Act)। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के कार्यकाल में देश में आपातकाल लागू किया गया था। इस दौरान गैर कांग्रेसी नेताओं और आपातकाल का विरोध करने वालों को जबरन जेल में बंद कर दिया गया था। छत्‍तीसगढ़ में भाजपा सरकार के दौरान इन मीसाबंदियों को लोकतंत्र सेनानी नाम देते हुए जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि के तहत पेंशन शुरू की गई।

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