छत्तीसगढ़ में अब घरों तक पाइपलाइन के जरिए सीधी कुकिंग गैस पहुंचाने की योजना जल्द ही शुरू होने वाली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिलासपुर में आयोजित एक जनसभा में इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की घोषणा की। सरकार ने अगले कुछ वर्षों में 2 लाख घरों तक इस सुविधा को पहुंचाने का लक्ष्य रखा है।
कैसे मिलेगी पाइपलाइन गैस?
राजधानी रायपुर में इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की जा रही है, जहां हर घर में एक मीटर लगाया जाएगा। उपभोक्ताओं को केवल उतनी ही कीमत चुकानी होगी, जितनी गैस की खपत होगी। यह गैस एलपीजी से सस्ती होगी और आम जनता के लिए किफायती साबित होगी। पहले चरण में 2025 तक 1 लाख घरों को जोड़ने की योजना है। पाइपलाइन को सीधे चूल्हों से जोड़ा जाएगा ताकि गैस की सप्लाई निर्बाध रूप से होती रहे।
गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट के फायदे
- सस्ती गैस – एलपीजी से 25-30% तक किफायती
- सुरक्षित आपूर्ति – नेचुरल गैस हवा से हल्की होती है, जिससे लीकेज की स्थिति में जल्दी घुल जाती है
- पर्यावरण के अनुकूल – 99% जलने की क्षमता के कारण प्रदूषण न के बराबर
- गैस खत्म होने की चिंता नहीं – पाइपलाइन से सीधी सप्लाई
- मीटर सुविधा – जितनी खपत, उतना ही बिल
CNG स्टेशनों का विस्तार भी होगा
इस परियोजना के तहत रायपुर सहित अन्य शहरों में CNG स्टेशन भी बनाए जाएंगे, जिससे सीएनजी वाहनों की सुविधा बढ़ेगी। गेल इंडिया लिमिटेड और हरियाणा गैस एजेंसी के अधिकारियों ने इस योजना को धरातल पर उतारने के लिए पहले ही बैठकें की हैं। आने वाले वर्षों में यह योजना छत्तीसगढ़ के कई अन्य शहरों में भी लागू की जाएगी।