रायपुर। भारत सरकार की प्रधानमंत्री ई-बस सेवा पहल ने छत्तीसगढ़ में परिवहन व्यवस्था को आधुनिक, पर्यावरण-अनुकूल और सुलभ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य ने इस योजना को तेजी से अपनाया है, जिससे न केवल परिवहन क्षेत्र में सुधार हो रहा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी राज्य महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।
पर्यावरण के अनुकूल परिवहन का लक्ष्य
ई-बस सेवा का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक परिवहन को प्रदूषण मुक्त, सुरक्षित और सस्ती बनाना है। ये इलेक्ट्रिक बसें बैटरी से चलती हैं, जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है और वायु गुणवत्ता में सुधार होता है। ये बसें न केवल ग्रीनहाउस गैसों को कम करती हैं, बल्कि डीजल और पेट्रोल पर निर्भरता को भी घटाती हैं।
छत्तीसगढ़ को मिली 240 ई-बसों की स्वीकृति
प्रधानमंत्री ई-बस सेवा के तहत छत्तीसगढ़ के चार प्रमुख शहरों के लिए कुल 240 ई-बसों की स्वीकृति दी गई है:
- रायपुर: 100 मीडियम ई-बसें
- दुर्ग-भिलाई: 50 मीडियम ई-बसें
- बिलासपुर: 35 मीडियम और 15 मिनी ई-बसें
- कोरबा: 20 मीडियम और 20 मिनी ई-बसें
इन्फ्रास्ट्रक्चर और फंडिंग
राज्य सरकार ने सुडा को नोडल एजेंसी और अरबन पब्लिक सर्विस सोसाइटी को क्रियान्वयन एजेंसी बनाया है। ई-बसों के लिए चार शहरों में आधुनिक बस डिपो और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण के लिए करोड़ों की राशि स्वीकृत की गई है।
- रायपुर: ₹14.33 करोड़
- दुर्ग-भिलाई: ₹6.73 करोड़
- बिलासपुर: ₹8.37 करोड़
- कोरबा: ₹7.19 करोड़
आधुनिक सुविधाएं और स्मार्ट तकनीक
ई-बसों को स्मार्ट ट्रैकिंग सिस्टम और आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। यात्री बस की स्थिति और समय सारिणी की जानकारी स्मार्टफोन के माध्यम से प्राप्त कर सकते हैं। बसों में एसी, इंटरनेट और सिंगल टिकट प्रणाली जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
लंबी दूरी और ऊर्जा दक्षता
ई-बसें पूरी तरह चार्ज होने पर 150 किलोमीटर तक की यात्रा कर सकती हैं। ये पारंपरिक बसों की तुलना में अधिक ऊर्जा दक्ष हैं और संचालन लागत भी कम है।
रोजगार और आर्थिक लाभ
ई-बस सेवा के माध्यम से राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। बसों के संचालन, मरम्मत और चार्जिंग स्टेशन की देखभाल के लिए कुशल कर्मियों की आवश्यकता होगी।
आने वाले वर्षों की दिशा
ई-बस सेवा छत्तीसगढ़ में परिवहन व्यवस्था को पूरी तरह बदलने की क्षमता रखती है। राज्य सरकार ने सब्सिडी और प्रोत्साहन योजनाएं लागू की हैं, जिससे यह सेवा और अधिक सुलभ और प्रभावी बन सके।