PM आवास योजना में खुली गड़बड़ियों की पोल: मकान की जगह खरीदी बाइक, खर्च की शादी में रकम

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ की न्यायधानी बिलासपुर से प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के गलत इस्तेमाल की हैरान करने वाली जानकारी सामने आई है। साल 2016 से 2023 तक जिले में 59,523 मकानों की मंजूरी मिली थी, लेकिन इनमें से करीब 3,600 मकान आज भी अधूरे पड़े हैं।

जब जिला पंचायत की टीम ने इस स्थिति की तह तक जाने के लिए डोर-टू-डोर सर्वे कराया, तो सामने आए खुलासे चौंकाने वाले थे। कई लाभार्थियों ने सरकार से मिली सहायता राशि का उपयोग मकान बनाने के बजाय बाइक खरीदने और शादी जैसे गैर-ज़रूरी खर्चों में कर दिया। कुछ ने घर बनाने की शुरुआत तो की, लेकिन नियमों को नजरअंदाज करते हुए निर्धारित सीमा से ज्यादा जमीन पर निर्माण कर दिया, जिससे लागत बढ़ गई और मकान अधूरा रह गया।

इसके अलावा, कई लाभार्थी पैसा लेने के बाद दूसरे राज्यों में पलायन कर गए। कुछ केसों में कानूनी अड़चनों की वजह से मकान निर्माण रुका पड़ा है—जैसे नामिनी तय न होना, लाभार्थी की मृत्यु हो जाना या संपत्ति विवाद।

अब जिला प्रशासन एक्टिव मोड में आ गया है। जनपद और जिला पंचायत की टीमें लाभार्थियों से सीधे संपर्क कर रही हैं। जो लोग ईमानदारी से मकान बनाना चाहते हैं, उन्हें तकनीकी सहयोग दिया जा रहा है। वहीं, जिन लोगों ने जानबूझकर योजना का दुरुपयोग किया है, उन्हें पहले महिला स्व-सहायता समूहों के ज़रिए समझाया जा रहा है। बावजूद इसके यदि निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया, तो ऐसे लोगों पर रिकवरी नोटिस जारी कर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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