पूर्णिमा स्नान से पहले महाकुंभ में उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब, Prayagraj संगम स्टेशन बंद

Prayagraj। महाकुंभ में देश-दुनिया के कोने-कोने से लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं। 12 फरवरी को पूर्णिमा स्नान के पहले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन को बंद कर दिया है। यह स्टेशन मेला क्षेत्र से महज 1 किमी की दूरी पर है। माना जा रहा है कि स्टेशन पूर्णिमा तक बंद रहेगा।

श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या बनी चुनौती

महाकुंभ में हर दिन लाखों श्रद्धालु पवित्र संगम में स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है। हालांकि, स्टेशन कब तक बंद रहेगा, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई है, लेकिन पूर्णिमा स्नान तक इसे बंद रखे जाने की संभावना है।

45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान

महाकुंभ 2025 में 45 करोड़ श्रद्धालुओं के पवित्र संगम में स्नान करने का अनुमान है। इस बार कुंभ मेला 144 साल बाद एक विशेष संयोग के साथ आयोजित हो रहा है। इसे महाकुंभ इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि अब तक 12 कुंभ पूरे हो चुके हैं।

यूपी सरकार ने श्रद्धालुओं की गिनती और सुरक्षा के लिए AI बेस्ड कैमरों का इस्तेमाल शुरू किया है। इन हाईटेक उपकरणों की मदद से हर व्यक्ति की सटीक गिनती की जा रही है।

महाकुंभ का पौराणिक महत्व

पौराणिक मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के लिए देवताओं और असुरों के बीच 12 दिनों तक घमासान युद्ध हुआ था। इस दौरान अमृत की कुछ बूंदें धरती पर चार स्थानों – प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक पर गिरीं। यही चार स्थान कुंभ मेले के आयोजन के लिए पवित्र माने जाते हैं।

कुंभ मेला का आयोजन ग्रहों की स्थिति के आधार पर किया जाता है:

  • प्रयागराज में कुंभ तब होता है, जब गुरु वृषभ राशि में और सूर्य मकर राशि में होते हैं।
  • हरिद्वार में कुंभ सूर्य के मेष राशि में और गुरु के कुंभ राशि में होने पर आयोजित होता है।
  • नासिक में कुंभ सूर्य और गुरु के सिंह राशि में होने पर होता है।
  • उज्जैन में कुंभ सूर्य के मेष राशि और गुरु के सिंह राशि में होने पर मनाया जाता है।

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