शराब दुकान हटाने को लेकर बवाल, लिखित आश्वासन के बाद खत्म हुआ धरना

गरियाबंद. देवभोग के सोनामुंदी में देशी-विदेशी शराब दुकान को हटाने की मांग को लेकर सोमवार को वार्डवासियों का गुस्सा फूट पड़ा। पार्षद विनोद पांडे और पटेल भंवर सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में महिलाएं और पुरुष दुकान के सामने अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए। इस दौरान प्रशासन और आबकारी विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई। वहीं गायत्री परिवार के सदस्यों ने भी धरना स्थल पहुंचकर सद्बुद्धि यज्ञ किया।

महिलाओं का विरोध, ग्राहकों को पिलाया शरबत

धरना स्थल पर महिलाओं का आक्रोश साफ नजर आया। कई महिलाएं चूल्हा-चौका लेकर धरने पर बैठ गईं। वहीं शराब खरीदने आए ग्राहकों को महिलाओं ने शरबत पिलाया और वापस लौटा दिया। शिशु मंदिर के संचालक, पदाधिकारी, पालक और गायत्री परिवार के सदस्य भी इस आंदोलन में शामिल हुए। मौके पर सुबह से ही देवभोग पुलिस मौजूद रही और आबकारी विभाग के अधिकारी भी प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश में लगे रहे।

क्यों हटाने की हो रही मांग?

स्थानीय लोगों का कहना है कि जब से 10 साल पहले यह दुकान शुरू हुई थी, तब आबादी कम थी। लेकिन अब जनसंख्या बढ़ने के साथ-साथ स्कूल जाने वाले बच्चों को इसी रास्ते से गुजरना पड़ता है। शराबियों का विद्यालय प्रांगण तक पहुंच जाना बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए खतरा बन गया है। इसके अलावा दुकान में नियम विरुद्ध प्लास्टिक का उपयोग किया जाता है, जिससे इलाके में गंदगी फैल रही है। यही वजह है कि लंबे समय से लोग दुकान को किसी दूसरी जगह शिफ्ट करने की मांग कर रहे हैं।

आबकारी विभाग की उदासीनता से बढ़ा गुस्सा

ग्रामीणों का कहना है कि पिछले दो सालों से दुकान हटाने की मांग लगातार उठ रही है। स्थानीय जनप्रतिनिधि कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री तक इस मुद्दे को उठा चुके हैं। शासन स्तर से भी निर्देश मिले, लेकिन आबकारी विभाग ने कार्रवाई करने के बजाय उसी पुराने स्थान पर भवन और अहाता का टेंडर जारी कर दिया। जब दोबारा सवाल उठे तो विभाग ने राजस्व हानि का हवाला देकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया। इसी रवैये से नाराज होकर वार्डवासियों ने सोमवार को धरना शुरू किया।

लिखित आश्वासन के बाद खत्म हुआ धरना

पार्षद विनोद पांडे ने बताया कि दुकान स्थानांतरण की प्रक्रिया पहले ही शुरू की गई थी, लेकिन पूर्व जिला आबकारी अधिकारी की मनमानी के चलते काम अधूरा रह गया। प्रदर्शन के दौरान आबकारी विभाग के सब इंस्पेक्टर रजत सिंह ठाकुर ने उच्च अधिकारियों के निर्देश पर लिखित आश्वासन दिया कि 40 दिन के भीतर दुकान का हस्तांतरण कर दिया जाएगा। आश्वासन मिलने के बाद वार्डवासियों ने धरना समाप्त किया।

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