स्पोर्ट्स ऑफिसर भर्ती का मामला; पीएससी ने मृतक को जारी कर दिया था नियुक्ति पत्र
बिलासपुर, छत्तीसगढ़। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय (बिलासपुर हाईकोर्ट) ने छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CG PSC) की एक बड़ी प्रशासनिक लापरवाही पर सख़्ती दिखाते हुए, वेटिंग लिस्ट (प्रतीक्षा सूची) में पहले स्थान पर रहे अभ्यर्थी को नियुक्ति देने का आदेश जारी किया है।
यह मामला स्पोर्ट्स ऑफिसर (खेल अधिकारी) की भर्ती से जुड़ा है, जहाँ पीएससी की तरफ़ से गंभीर त्रुटि सामने आई थी।
क्या थी पीएससी की लापरवाही?
• भर्ती: स्पोर्ट्स ऑफिसर (खेल अधिकारी) की भर्ती प्रक्रिया।
• गंभीर त्रुटि: पीएससी ने मेरिट लिस्ट जारी करते समय गलती से एक ऐसे व्यक्ति के नाम पर नियुक्ति पत्र जारी कर दिया, जिसकी मृत्यु हो चुकी थी।
• परिणाम: एक पद खाली रह गया, लेकिन प्रशासन ने वेटिंग लिस्ट में पहले क्रम पर रहे योग्य उम्मीदवार को नियुक्ति नहीं दी।
वेटिंग लिस्ट में प्रथम स्थान पर रहे अभ्यर्थी ने जब नियमानुसार अपना दावा प्रस्तुत किया और प्रशासन ने इसे अनदेखा किया, तब उसे न्याय के लिए हाई कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा।
हाईकोर्ट का सख्त रुख और आदेश
न्यायमूर्ति एनके व्यास की एकल पीठ ने इस मामले की सुनवाई करते हुए पीएससी की प्रक्रिया को ‘गड़बड़ी और पूरी तरह से प्रोसेस की अनदेखी’ बताया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि:
1. दावेदार का हक़: चूंकि वेटिंग लिस्ट एक साल तक वैध होती है और पद रिक्त है, इसलिए प्रतीक्षा सूची के पहले दावेदार का उस पर नियमानुसार हक़ बनता है।
2. प्रशासनिक देरी नहीं चलेगी: योग्य कैंडिडेट ने निर्धारित समय सीमा के भीतर अपना दावा प्रस्तुत कर दिया था, इसलिए उसे प्रशासनिक देरी या त्रुटि का शिकार नहीं बनाया जा सकता।
हाईकोर्ट ने अपने आदेश में पीएससी को निर्देश दिया कि वेटिंग लिस्ट में पहले स्थान पर रहे अभ्यर्थी के नाम पर तत्काल नियुक्ति पत्र जारी किया जाए।
यह फैसला सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण मिसाल है।