रायपुर। रायपुर-अंबिकापुर-बिलासपुर हवाई सेवा का आज स्वामी विवेकानंद विमानतल से शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर को छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा में ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि यह सेवा क्षेत्रीय कनेक्टिविटी के विस्तार का प्रतीक है। हवाई सेवा का आरंभिक किराया मात्र 999 रुपए रखा गया है, ताकि आम जनता भी इसका लाभ उठा सके।
हवाई चप्पल से हवाई जहाज तक का सपना साकार
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हुए परिवर्तनों की सराहना करते हुए कहा कि “हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज की सवारी करेगा” का सपना अब साकार हो रहा है। सरगुजा और बस्तर जैसे दूरस्थ क्षेत्रों में एयर कनेक्टिविटी से नागरिकों को सुविधा के साथ टूरिज्म और आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा।
अंबिकापुर एयरपोर्ट का विकास
राज्य सरकार ने 80 करोड़ रुपए की लागत से अंबिकापुर के माँ महामाया एयरपोर्ट का विकास किया है, जिसे थ्री सी वीएफआर श्रेणी का लाइसेंस प्राप्त हुआ है। यह एयरपोर्ट 72-सीटर एटीआर-72 विमानों के संचालन के लिए उपयुक्त है।
भविष्य की योजनाएं
मुख्यमंत्री ने बताया कि अंबिकापुर को वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ, दिल्ली और कोलकाता जैसे शहरों से जोड़ने की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की प्राकृतिक सुंदरता और ऐतिहासिक धरोहरें, जैसे गुरु घासीदास टाइगर रिजर्व और चित्रकोट जलप्रपात, अब देश-विदेश के पर्यटकों की पहुंच में होंगी।
रोजगार और निवेश को बढ़ावा
एयर कनेक्टिविटी के विस्तार से निवेश के बेहतर माहौल के साथ स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। नई उद्योग नीति में होम स्टे और रिसॉर्ट्स जैसे उद्यमों को प्रोत्साहन दिया गया है। मुख्यमंत्री ने अगले चार वर्षों में छत्तीसगढ़ को विमानन क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाने का संकल्प जताया।
पहले यात्री बने चिंतामणि महाराज
विमान सेवा के पहले यात्री के रूप में सांसद चिंतामणि महाराज सपत्नीक सवार हुए। मुख्यमंत्री साय ने उन्हें बोर्डिंग पास सौंपते हुए कहा, “आज आपने इतिहास बना दिया।” इस मौके पर विमान टेकऑफ़ को वाटर सेल्यूट दिया गया।