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छत्तीसगढ़ बंद को सफल बनाने राजधानी की सड़क पर घूमते रहे पीसीसी चीफ दीपक बैज

छत्तीसगढ़ में लोहारीडीह कांड के विरोध में कांग्रेस द्वारा बुलाए गए प्रदेश बंद का असर प्रदेश भर में मिला-जुला रहा। कई जिलों में बंद के आह्वान का व्यापक असर देखने को मिला, जबकि कुछ जिलों में बंद का असर कम या नाममात्र ही रहा। बंद को सफल बनाने के लिए राजधानी रायपुर में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, महापौर एजाज ढेबर, और अन्य कांग्रेस नेता-नेत्री सक्रिय रूप से सड़कों पर उतरे। राजधानी में सुबह से ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हलचल दिखी और बंद को सफल बनाने के लिए वे दुकानदारों से दुकानों को बंद करने की अपील करते नजर आए। पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बंद को सफल बताया और कहा कि यह छत्तीसगढ़ की जनता की एकजुटता का प्रतीक है।

रायपुर: पुलिस की कड़ी सुरक्षा के बीच शांतिपूर्ण बंद

रायपुर में बंद के दौरान किसी अप्रिय घटना की संभावना को देखते हुए पुलिस ने चौक-चौराहों और बाजारों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ियां लगातार सक्रिय रहीं, ताकि किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति उत्पन्न न हो। कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह से ही राजधानी के विभिन्न इलाकों में रैली की शक्ल में निकले और दुकानों को बंद करवाने का प्रयास किया। हालांकि, कई स्थानों पर दुकानें खुली रही, लेकिन बंद समर्थकों के प्रयासों के चलते कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद कर दीं। रायपुर में मेडिकल और आपातकालीन सेवाओं को बंद से बाहर रखा गया था।

बस्तर संभाग: समर्थन और विरोध के बीच बंटा बंद

बस्तर संभाग में कांग्रेस द्वारा बुलाए गए बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला। कांकेर में व्यापारियों ने बंद का समर्थन नहीं किया, जबकि बीजापुर में बंद आंशिक रूप से सफल रहा। कुछ दुकानें बंद रही और कुछ खुली रही। जगदलपुर में कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह से ही रैली निकालते हुए दुकानदारों से बंद का समर्थन करने की अपील करते नजर आए। वे चाय और नाश्ते की दुकानों को बंद करवाने के प्रयास में जुटे रहे।

बंद के दौरान कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए बस्तर संभाग के विभिन्न जिलों में पुलिस बल तैनात किया गया था। जगदलपुर में पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ियां भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं की रैलियों के साथ चलती रहीं, ताकि किसी अप्रिय घटना की स्थिति न बने।

कवर्धा: बंद का व्यापक असर

कवर्धा में कांग्रेस के बंद का व्यापक असर देखने को मिला। यहां के व्यापारियों ने बड़ी संख्या में अपनी दुकानें बंद रखीं। सराफा लाइन, बस स्टैंड, मेन मार्केट, और रायपुर रोड की अधिकतर दुकानें बंद रहीं। केवल आपातकालीन सुविधाएं जैसे मेडिकल दुकानें खुली रही, जबकि अन्य अधिकांश व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद नजर आए। कवर्धा में लोहारीडीह हत्याकांड के विरोध में लोगों ने कांग्रेस के बंद को समर्थन दिया।

बिलासपुर: मिला-जुला असर, कुछ जगहों पर विवाद

बिलासपुर में बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला। सुबह के समय कई ठेले और किराना की दुकानें सामान्य दिनों की तरह खुली रही। कांग्रेस के नेता जब दुकानों को बंद करवाने पहुंचे, तो जूना बिलासपुर में एक दुकानदार ने दुकान बंद करने से मना कर दिया, जिससे बहस हो गई। स्थिति को बिगड़ता देख पुलिस मौके पर पहुंची और विवाद को शांत कराया।

कांग्रेस कार्यकर्ता शहर के विभिन्न इलाकों में जाकर बंद का समर्थन मांग रहे थे। कई दुकानदारों ने कांग्रेस नेताओं के आग्रह पर अपनी दुकानें बंद कीं, लेकिन नेताओं के जाने के कुछ समय बाद ही दुकानें फिर से खुल गईं। बंद के दौरान किसी अप्रिय घटना की आशंका को देखते हुए पुलिस ने सख्त सुरक्षा व्यवस्था कर रखी थी और शहर के प्रमुख स्थानों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।

सरगुजा: कांग्रेस का बंद सफल

सरगुजा जिले में कांग्रेस के बंद का असर साफ देखा गया। कांग्रेस जिलाध्यक्ष समेत कई कार्यकर्ता सड़कों पर उतरे और दुकानदारों से बंद का समर्थन करने की अपील की। अंबिकापुर में व्यापारियों ने कांग्रेस के बंद को समर्थन दिया और शहर की अधिकांश दुकानें बंद रहीं। बंद के दौरान कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने लोगों से इस विरोध में शामिल होने की अपील की और प्रदेश सरकार पर लोहारीडीह कांड के लिए जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की मांग की।

सक्ती: बंद नहीं दिखा असर

सक्ती जिले में कांग्रेस के बंद का कोई खास असर देखने को नहीं मिला। व्यापारियों ने कांग्रेस के बंद को समर्थन नहीं दिया। यहां तक कि कांग्रेस के जिला अध्यक्ष ने भी अपने प्रतिष्ठान, वंदना इंजीनियरिंग और वंदना इलेक्ट्रिक, खुले रखे। कांग्रेस जिला अध्यक्ष के इस कदम के बाद अन्य व्यापारियों ने भी अपनी दुकानें बंद नहीं की, और शहर में व्यापार सामान्य रूप से चलता रहा।

राजनांदगांव: बंद का आंशिक असर

कवर्धा में लोहारीडीह हत्याकांड के विरोध में प्रदेश बंद के आह्वान को सफल बनाने के लिए राजनांदगांव में भी कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता सक्रिय रहे। सुबह से ही वे दुकानदारों से बंद का समर्थन करने की अपील करते दिखे। हालांकि, शहर के कुछ हिस्सों में बंद का असर देखने को मिला, जबकि अन्य जगहों पर व्यापार सामान्य रूप से चलता रहा।

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