रायपुर नगर निगम में बड़ा फेरबदल: टैक्स वसूली अमले के 93 अफसर-कर्मचारियों का तबादला

रायपुर। नगर निगम के टैक्स वसूली विभाग में इस साल का लक्ष्य 400 करोड़ रुपये से ज्यादा तय किया गया है और इसी के साथ निगम प्रशासन ने एक बड़ा कदम उठाते हुए टैक्स वसूली अमले में भारी फेरबदल कर दिया है। 2 जुलाई को निगम आयुक्त विश्वदीप द्वारा जारी आदेश में विभाग के 93 अधिकारी-कर्मचारियों को एक साथ इधर-उधर कर दिया गया है। इससे पहले केवल 10 सहायक राजस्व अधिकारियों का तबादला किया गया था, लेकिन अब यह कार्रवाई विभाग के समूचे ढांचे पर लागू कर दी गई है।

नगर निगम में यह पहला मौका है जब टैक्स वसूली के लिए अलग-अलग वार्डों की भौगोलिक जानकारी रखने वाले पूरे अमले को हटा दिया गया है। इस आदेश को लेकर निगम कार्यालय में बुधवार को दिनभर चर्चाएं चलती रहीं। वहीं, अधिकारी भी इस अचानक हुए फेरबदल को लेकर संशय में नजर आए।

वसूली पर असर डाल सकता है बदलाव

नगर निगम को इस बार सबसे ज्यादा टैक्स वसूली की संभावना खाली प्लॉट्स से नजर आ रही है। लेकिन अब जब जोन कमिश्नरी स्तर पर पूरी टीम को बदल दिया गया है, तो टैक्स वसूली की प्रक्रिया प्रभावित होने की आशंका जताई जा रही है। जिन अधिकारियों को नए जोन में भेजा गया है, उन्हें वहां की भौगोलिक स्थिति और वार्डों को समझने में ही 5 से 6 महीने लग सकते हैं।

गौरतलब है कि मई-जून के दौरान टैक्स के साथ ऑनलाइन यूजर चार्ज बढ़ाने-घटाने की प्रक्रिया के कारण पहले से ही राजस्व वसूली की गति धीमी थी। ऐसे में अब पूरा अमला बदलना निगम की योजना के लिए चुनौती बन सकता है।

प्रमुख तबादले – जोन 6 और 8 में बड़े बदलाव

बुधवार को जारी आदेश के मुताबिक, जोन-6 में कार्यरत सहायक ग्रेड-2 के भारतेश नेताम को निगम मुख्यालय भेजा गया है। वहीं, जोन-8 कमिश्नरी, जो कि पश्चिम विधानसभा क्षेत्र का एक अहम हिस्सा है, उसमें दो राजस्व निरीक्षक बदले गए हैं। कैलाश मरकाम (पूर्व में जोन-6) और राजेश मिश्रा (पूर्व में जोन-10) को यहां भेजा गया है।

इनके बदले में जोन-1 के नरेंद्र सोनी को जोन-10 और जोन-5 के सुनील ध्रुव को जोन-6 में भेजा गया है।

जोन-2 में सबसे ज्यादा तबादले

नई तबादला सूची में सबसे ज्यादा फेरबदल जोन-2 में देखने को मिला है। यहां एक साथ 11 कर्मचारियों को इधर-उधर किया गया है। माना जा रहा है कि जोन-2 में टैक्स वसूली को लेकर लगातार शिकायतें आने के बाद यह कदम उठाया गया है।

निगम के सामने अब डबल चैलेंज

नगर निगम प्रशासन के सामने अब दोहरी चुनौती है—एक तरफ उसे 400 करोड़ से अधिक की वसूली करनी है और दूसरी ओर नए अमले को उनके नए क्षेत्रों से परिचित कराना है। देखना यह होगा कि नए अधिकारियों की तैनाती के बाद वसूली की रफ्तार तेज होती है या फिर यह कदम निगम के लिए नुकसानदायक साबित होता है।

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