रायपुर। राजधानी रायपुर के दोंदेखुर्द हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी में 200 से अधिक पेड़ों की अवैध कटाई के खिलाफ लोगों ने अनोखा विरोध दर्ज कराया। कॉलोनी के 50 से अधिक निवासियों ने कैंडल मार्च निकालते हुए काटे गए पेड़ों को श्रद्धांजलि दी और पर्यावरण के इस नुकसान के प्रति अपनी नाराज़गी प्रकट की।
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि नव-निर्वाचित सरपंच के इशारे पर कॉलोनी में अवैध रूप से बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई की गई है। लोगों ने बताया कि वर्षों से उन्होंने इन पेड़ों की देखभाल की थी, जो क्षेत्र के भूजल स्तर को बनाए रखने और पर्यावरण की खूबसूरती को संजोए रखने में अहम भूमिका निभा रहे थे। लेकिन बीते कुछ दिनों से लगातार पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही थी।
इस मामले में सामाजिक संस्था सृष्टि सेवा संकल्प ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। संस्था ने इस अवैध कटाई को रोकने के लिए रायपुर कलेक्टर को पत्र लिखा है। पत्र में बताया गया है कि दोंदेखुर्द के सरपंच का लकड़ी का कारोबार है और पेड़ों की कटाई होते ही उन्हें त्वरित रूप से वाहनों में भरकर कॉलोनी से बाहर भेज दिया गया। इससे यह संदेह और गहराया है कि पेड़ों की कटाई व्यापारिक लाभ के लिए की गई है।
संस्था की संस्थापक नीमा गुप्ता ने बताया कि मामले की जानकारी पहले ही वन विभाग को दी गई थी। विभाग की उड़नदस्ता टीम ने मौके पर निरीक्षण भी किया, लेकिन उन्होंने क्षेत्र को राजस्व विभाग के अंतर्गत बताकर कार्रवाई से किनारा कर लिया। जब तक प्रशासन ने संज्ञान लिया, तब तक सैकड़ों पेड़ काटे जा चुके थे।
स्थानीयों की मांग:
कॉलोनीवासियों ने दोषियों के खिलाफ सख्त जांच और कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यदि इस तरह के मामलों पर समय रहते रोक नहीं लगाई गई तो आने वाले समय में पर्यावरण को गंभीर नुकसान हो सकता है।