रायपुर रेलवे स्टेशन में नो-पार्किंग क्षेत्र में लगातार बढ़ रहे विवादों को सुलझाने के लिए कलेक्टर रायपुर की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि अब नो-पार्किंग में गाड़ियों पर लॉक नहीं लगाया जाएगा।
लेकिन, बैठक में एक महत्वपूर्ण जानकारी छिपाई गई थी: जुर्माने की राशि का बंटवारा।
अनियमित जुर्माना वसूली:
सूत्रों के अनुसार, रेलवे ठेकेदार से केवल पार्किंग शुल्क वसूलता है, जो कि दुपहिया वाहनों के लिए ₹10 और चार पहिया वाहनों के लिए ₹20 है।
लेकिन, ठेकेदार द्वारा वसूली जाने वाली “पैनाल्टी” का 40% हिस्सा (दुपहिया) और 80% हिस्सा (चार पहिया) रेलवे को जाता है।
इस मुद्दे पर पार्किंग ठेकेदार नाराज हैं और रेलवे स्टेशन पर काम छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। यदि ऐसा होता है, तो रेलवे को करोड़ों का नुकसान हो सकता है।
रेलवे पर प्रभाव:
- राजस्व हानि: यदि ठेकेदार काम छोड़ देते हैं, तो रेलवे को पार्किंग शुल्क से होने वाली आय का नुकसान होगा।
- प्रतिष्ठा का नुकसान: यह विवाद रेलवे की छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।
- यात्रियों की परेशानी: यदि पार्किंग व्यवस्था बाधित होती है, तो यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।