रायपुर। राजधानी रायपुर में महिला थाना के बाहर खुद को आग लगाने वाली वर्षा गोस्वामी ने चार दिन की जद्दोजहद के बाद दम तोड़ दिया। 10 सितंबर को हुई इस दर्दनाक घटना ने पूरे शहर को झकझोर दिया है और अब पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।
70% तक झुलसी, चार दिन लड़ी ज़िंदगी की लड़ाई
घटना वाले दिन वर्षा महिला थाने के बाहर काउंसलिंग के लिए पहुंची थी। दोपहर करीब 12.30 बजे उसने अचानक खुद पर ज्वलनशील पदार्थ डालकर आग लगा ली और थाने के अंदर दौड़ पड़ी। वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने तत्काल पानी डालकर आग बुझाई और उसे डीकेएस अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टरों के अनुसार वह 70% तक झुलस चुकी थी। चार दिन तक जीवन और मौत से लड़ने के बाद गुरुवार को उसने दम तोड़ दिया।
बार-बार शिकायत, फिर भी कार्रवाई नहीं
वर्षा की बहन ने मीडिया को बताया कि वर्षा ने महिला आयोग और पुलिस में कई बार शिकायतें की थीं, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। यही लापरवाही उसकी मौत की बड़ी वजह मानी जा रही है।
पति पर गंभीर आरोप
परिवार के मुताबिक, वर्षा ने 2020 में रायपुर के शिवम गोस्वामी से लव मैरिज की थी। शादी के बाद से ही वह लगातार घरेलू हिंसा का शिकार हो रही थी। शिवम जुआ और सट्टा खेलता था, घर आकर मारपीट करता और बार-बार जान से मारने की धमकी देता।
- एक बार उसने वर्षा का सिर फोड़ दिया, जिसकी शिकायत पुरानी बस्ती थाना में दर्ज कराई गई थी।
- पुलिस ने आश्वासन दिया, पर कोई कार्रवाई नहीं की।
- घटना से एक दिन पहले भी शिवम ने वर्षा को गला दबाकर और गर्दन पर पैर रखकर धमकाया और घर से निकाल दिया।
घटना के दिन क्या हुआ
काउंसलिंग के लिए महिला थाने आई वर्षा बेहद परेशान थी। वहां बैठे-बैठे उसने अचानक खुद पर पेट्रोलनुमा पदार्थ डाला और आग लगा ली। थाने के स्टाफ ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक वह गंभीर रूप से झुलस चुकी थी।
पुलिस की भूमिका पर सवाल
वर्षा की मौत के बाद पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं कि
- समय रहते उसकी शिकायतों पर कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
- घरेलू हिंसा और जान से मारने की धमकियों को गंभीरता से क्यों नहीं लिया गया?
जांच के आदेश
पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। महिला थाने और पुरानी बस्ती थाना की कार्यप्रणाली पर भी समीक्षा की जा रही है। साथ ही वर्षा की शिकायतों और काउंसलिंग प्रक्रिया से जुड़े सभी दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं।