रायपुर। राजधानी रायपुर में बेतरतीब ढंग से चल रहे ऑटो और ई-रिक्शों के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। इसे नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन, ट्रैफिक पुलिस और नगर निगम ने जोन सिस्टम लागू करने की योजना तैयार की थी, लेकिन अब यह योजना विरोध और असहमति के चलते ठंडे बस्ते में जाती दिख रही है।
योजना पर ब्रेक, यूनियनों ने जताया विरोध
ऑटो यूनियनों ने न केवल जोन सिस्टम का विरोध किया, बल्कि इसके खिलाफ आंदोलन और हड़ताल की चेतावनी भी दी है। उनकी मांग है कि योजना लागू करने से पहले सर्वसुविधायुक्त ऑटो स्टैंड और ओला-उबर जैसी ऑनलाइन सेवा का विकल्प लाया जाए। इसी के चलते प्रशासन की तैयारियों की रफ्तार धीमी पड़ गई है और फिलहाल योजना पर अस्थायी रूप से ब्रेक लग गया है।
बैठक में नहीं पहुंची सहमति, उठे कई सवाल
करीब ढाई महीने पहले अप्रैल में ऑटो यूनियनों के साथ हुई बैठक में योजना पर चर्चा की गई थी, लेकिन शुरू से ही वाहनों की संख्या और सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर सवाल उठे। यूनियन प्रतिनिधियों ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें बैठक की सूचना समय पर और औपचारिक रूप से नहीं दी गई। शुरूआती बैठक में सिर्फ 10–15 ड्राइवर-मालिक ही पहुंचे थे, जिन्हें बाद में फोन करके बुलाया गया।
ऑनलाइन ऐप और गणना का आश्वासन अधूरा
ट्रैफिक पुलिस ने उस समय आश्वासन दिया था कि जल्द ही ई-रिक्शा और ऑटो की सटीक गणना कराई जाएगी और ऑनलाइन सेवा ऐप की दिशा में काम शुरू होगा। लेकिन अब तक न तो किसी ऐप की घोषणा हुई है, न ही वाहनों की वास्तविक संख्या का खुलासा किया गया है।
दूसरी बैठक तक नहीं हो सकी
योजना को आगे बढ़ाने के लिए नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस की ओर से दूसरी बैठक का आयोजन तक नहीं हो पाया है। ऐसे में जोन सिस्टम की योजना फिलहाल अधर में लटकी है।