रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन प्रश्नकाल के दौरान राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि में कमी और आदिवासी आश्रम-छात्रावासों में बच्चों की मौत जैसे गंभीर मुद्दे उठाए गए। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली।
राजीव गांधी किसान न्याय योजना पर बहस
भाजपा विधायक मोतीलाल साहू ने योजना के तहत 2020-21 के मुकाबले 2021-22 में किसानों को कम राशि दिए जाने का सवाल उठाया। उन्होंने पूछा कि जब किसानों की संख्या बढ़ी थी, तो राशि कम क्यों हुई? इस पर मंत्री रामविचार नेताम ने जवाब दिया कि राशि में कमी का कारण किसानों के मेड़ का रकबा काटा जाना था।
नेताम ने कहा कि सरकार ने पिछले एक साल में 17 हजार करोड़ रुपये किसानों को दिए हैं। इसके बावजूद विपक्ष ने योजना में गड़बड़ी और किसानों के साथ धोखाधड़ी के आरोप लगाए।
आदिवासी बच्चों की मौत का मुद्दा
कांग्रेस विधायक लखेश्वर बघेल ने आदिवासी आश्रम और छात्रावासों में बच्चों की मौत का मामला उठाया। मंत्री रामविचार नेताम ने बताया कि एक साल में 11 बच्चों की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य और अन्य व्यवस्थाओं की जांच के निर्देश दिए गए हैं।
विधायक कवासी लखमा ने आरोप लगाया कि कुछ बच्चों की मौत भूख से हुई है, जिससे आदिवासी बच्चों की संख्या घट रही है। आसंदी ने इस गंभीर मामले की विस्तृत जांच कराने का आश्वासन दिया।
पर्यावरण प्रदूषण और उद्योगों की शिकायत
विधायक अटल श्रीवास्तव ने वेलकम डिस्टलरी के खिलाफ पर्यावरणीय गड़बड़ियों का मामला उठाया। वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने बताया कि उद्योग को पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने पर कई बार पेनाल्टी लगाई गई है।
विधायक ने अरपा नदी में प्रदूषण को लेकर शिकायत की और उद्योग को बंद करने की मांग की। मंत्री ने कहा कि यदि कोई लिखित शिकायत दी जाती है, तो मामले की जांच कराई जाएगी।
सदन में सुझाव और नोकझोंक
उमेश पटेल ने सुझाव दिया कि मंत्री और विधायक खुद जाकर मौके का निरीक्षण करें। विपक्ष ने सरकार पर पर्यावरण और आदिवासी मुद्दों को लेकर लापरवाही का आरोप लगाया।