ऑपरेशन सिंदूर पर गरमाई सियासत: सचिन पायलट ने उठाए सवाल, संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग

रायपुर। ऑपरेशन सिंदूर को लेकर देश की सियासत एक बार फिर गरमा गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बाद अब पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने भी केंद्र सरकार से कई सवाल खड़े किए हैं। रायपुर में मीडिया से चर्चा करते हुए पायलट ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद सेना की कार्रवाई गौरवपूर्ण रही, और पूरे देश ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ समर्थन जताया। लेकिन सीजफायर की जानकारी अमेरिका द्वारा पहले सार्वजनिक किया जाना कई सवाल खड़े करता है।

पायलट ने पूछा कि भारत और पाकिस्तान के बीच अमेरिका की क्या भूमिका रही? क्या पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से कोई मध्यस्थता की गई? क्या व्यापारिक दबाव बनाया गया? उन्होंने स्पष्ट कहा कि इन सवालों के जवाब देने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए, ताकि सरकार अपनी नीति स्पष्ट करे और देश को भरोसा दिला सके कि भविष्य में कोई आतंकी हमला नहीं होगा।

नक्सलवाद पर भी कांग्रेस का समर्थन

सचिन पायलट ने नक्सलवाद के मुद्दे पर भी केंद्र सरकार को समर्थन देने की बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आतंकवाद और नक्सलवाद दोनों के खिलाफ हमेशा खड़ी रही है। तेलंगाना सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ को सहयोग नहीं देने की बात को उन्होंने अफवाह बताया और कहा कि कांग्रेस ने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में सबसे अधिक बलिदान दिए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस लड़ाई में निर्दोष आदिवासियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाना चाहिए।

संविधान बचाओ रैली की घोषणा

पायलट ने देश में संविधान को खतरे में बताया और कहा कि लोकतांत्रिक संस्थाओं पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अहमदाबाद अधिवेशन में संविधान बचाओ रैली का निर्णय लिया था, जो पहलगाम हमले के कारण स्थगित हो गई थी। अब इस अभियान की शुरुआत छत्तीसगढ़ के जांजगीर से की जाएगी।

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