Jagdalpur : छत्तीसगढ़ के सरकारी राशन दुकान संचालकों ने अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर राज्यभर में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इस हड़ताल का सबसे ज्यादा असर बस्तर संभाग सहित पूरे प्रदेश के गरीब परिवारों पर पड़ रहा है। राशन दुकानों के बंद होने से खाद्यान्न का वितरण पूरी तरह से ठप हो गया है।
गरीबों को झेलनी पड़ रही है मुश्किलें
राशन की उपलब्धता में आई इस अचानक रुकावट से गरीब परिवारों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। उन्हें रोजमर्रा के खाने के लिए मजबूरन बाजार से महंगे दामों पर खाद्यान्न खरीदना पड़ रहा है। कई परिवारों के लिए यह अतिरिक्त बोझ साबित हो रहा है।
दुकानदारों की मांगें
राशन दुकान संचालकों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के समक्ष कई बार आंदोलन किया, लेकिन उनकी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। आखिरकार, हताश होकर उन्हें हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ा। उनकी प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:
- इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीनों की गुणवत्ता में सुधार: दुकानदारों का कहना है कि उन्हें दी गई इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीनें खराब रहती हैं, जिससे राशन वितरण में परेशानी होती है।
- राशन आवंटन में अनियमितताओं का समाधान: राशन आवंटन में कई तरह की अनियमितताएं होती हैं, जिसका खामियाजा दुकानदारों को भुगतना पड़ता है।
- वित्तीय सहायता और मार्जिन राशि में वृद्धि: दुकानदारों का कहना है कि उन्हें मिलने वाली वित्तीय सहायता और मार्जिन राशि बहुत कम है।
- राशन भंडारण में सुधार: राशन भंडारण के लिए बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की जा रही है।
- अन्य कार्यों के लिए अतिरिक्त पारिश्रमिक: राशन वितरण के अलावा दुकानदारों को कई अन्य कार्य करने होते हैं, जिसके लिए उन्हें अतिरिक्त पारिश्रमिक दिया जाना चाहिए।
- कोरोना काल की अनुदान राशि का भुगतान और मासिक मानदेय में वृद्धि: कोरोना काल में दुकानदारों को दी गई अनुदान राशि का भुगतान अभी तक नहीं हुआ है। साथ ही, दुकानदार मासिक मानदेय में वृद्धि की मांग कर रहे हैं।
सरकार से बातचीत विफल
दुकानदारों ने सरकार से कई बार बातचीत की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकला। जिसके कारण उन्हें हड़ताल का रास्ता अपनाना पड़ा।