सारंगढ़ नगरपालिका में जमीन घोटाला: उपाध्यक्ष समेत 7 पार्षद पद से हटाए गए, चुनाव लड़ने पर भी रोक

सारंगढ़-बिलाईगढ़। सारंगढ़ नगर पालिका परिषद में सरकारी जमीन की अनियमित बिक्री का बड़ा मामला सामने आया है। जांच में गंभीर आर्थिक अनियमितताओं की पुष्टि के बाद प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 के तहत कार्रवाई करते हुए कलेक्टर ने परिषद के उपाध्यक्ष रामनाथ सिदार सहित सात पार्षदों को उनके पद से हटा दिया है। साथ ही उन्हें भविष्य में किसी भी नगर पालिका परिषद या नगर पंचायत का चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है।

हटाए गए पार्षदों में कमला किशोर निराला, गीता महेंद्र थवाईत, सरिता शंकर चंद्रा, संजीता सिंह सरिता, शुभम वाजपेयी और शांति लक्ष्मण मालाकार शामिल हैं। यह कार्रवाई बंटी केशरवानी की शिकायत के आधार पर की गई, जिसमें बताया गया था कि बेशकीमती शासकीय जमीन निजी व्यक्तियों को बेची गई है।

शिकायत के बाद नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग, क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर के संयुक्त संचालक द्वारा जांच कराई गई। रिपोर्ट में पाया गया कि पीआईसी (स्थायी समिति) की बैठक में लिए गए निर्णयों में पारदर्शिता और विधिक प्रक्रिया का घोर अभाव था।

जांच में पीआईसी बैठक की अध्यक्षता करने वाली सोनी अजय बंजारे को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया गया है, जबकि बैठक में शामिल अन्य सदस्यों उपाध्यक्ष और सात पार्षदों को आंशिक रूप से उत्तरदायी माना गया। प्रशासन की इस कार्रवाई ने नगर पालिका परिषद में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को एक बार फिर उजागर कर दिया है।

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